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जगदलपुर,13 जनवरी । बस्तर संभागीय मुख्यालय से मात्र कुछ ही दूरी पर अथवा आठ किमी दूर शहर के किनारे स्थित चित्रकोट मार्ग पर सात एकड़ में फैला विशाल प्राकृतिक जलकुंड है और इसका पानी शुद्ध और पीने योग्य है। प्रति वर्ष इस कुंड से लगातार निकलने वाले पानी को समेटने आज तक कोई पहल नहीं की गई है। इसका लाखों लीटर पानी लगातार निकलते हुए लोगों को और व्यवस्था को आज भी मुंह चिढ़ा रहा है। इसके लिए जितना भी विचार किया गया, वह सभी कागजों में ही सिमट कर रह गया।
उल्लेखनीय है कि इस बड़े प्राकृतिक पेयजल के कुंड का पानी समेटने और इसे सुरक्षित रखने के लिए गत दो वर्ष पूर्व जल संसाधन विभाग ने करीब 2 करोड़ रूपए की अधिक की योजना शासन को भेजी थी, लेकिन इसपर स्वीकृति नहीं मिली और अब विभाग इसके सुरक्षित रखने की कोई कोशिश भी नहीं कर रहा है। वर्तमान में भू-गर्भ से आने वाला जल कुंड में आकर वहां से सीधे बह जाता है। इतना अवश्य है कि पास ही के गांव कुमरावन के कुछ किसान इसके पानी से सिंचाई कर दो से तीन फसल तक ले रहे हैं और समीपवर्ती कृषि महाविद्यालय में भी इसके पानी से 200 एकड़ की सिंचाई हो रही है। इस पुराने प्राकृतिक जलस्त्रोत को सुरक्षित रखने गांव वाले अब संगठित हो रहे हैं। शासन पर दबाव बनाते हुए स्थानीय विधायक को भी इसके लिए कहा जा रहा है।
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