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12-Jan-2019 11:45:58 am
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ऑफिस के बाद बॉस के फोन कॉल और ईमेल का जवाब ना देने की मिलेगी आजादी?

नई दिल्ली,12 जनवारी । ऑफिस में 8-9 घंटे बिताने के बाद घर पहुंचे कि नहीं कभी बॉस का फोन तो कभी ईमेल। प्राइवेट जॉब में अधिकतर लोगों की यही कहानी है। देर रात तक फोन या ईमेल के जरिए उन्हें ऑफिस से जुड़े रहना पड़ता है यानी घर पर भी ऑफिस का तनाव। इसी परेशानी से निजात दिलाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में एक प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया गया। यह बिल यदि आगामी सत्रों में पास हो जाता है तो कर्मचारियों को घर जाने के बाद ऑफिस के फोन कॉल या ईमेल का जवाब ना देने की आजादी मिल जाएगी।
यह बिल एनसीपी की सांसद सुप्रिया सुले ने पेश किया, जिसे राइट टु डिसकनेक्ट नाम दिया गया है। यदि इस बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो कर्मचारियों को यह अधिकार मिल जाएगा कि ऑफिस आवर्स के बाद वे कंपनी से आने वाले फोन कॉल्स या ईमेल का जवाब ना दें। 
सुले के मुताबिक, यदि ऐसा कानून बनता है तो कर्मचारियों के तनाव में कमी आएगी और एक कर्मचारी के पर्सनल और प्रफेशनल लाइफ से टेंशन को कम करने में मदद मिलेगी। 
बिल में कर्मचारी कल्याण प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान किया गया है, जिसमें आईटी, कम्युनिकेशन और लेबर जैसे मंत्रालयों को भी शामिल किया जाएगा। 
बिल में कहा गया है कि 10 से अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों के साथ नियम-शर्तों पर चर्चा चर्चा के बाद चार्टर बनाना होगा और कर्मचारी कल्याण समिति का गठन किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी ऑफिस के बाद फोन या ईमेल का जवाब नहीं देता है तो उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है। यदि कोई कंपनी नियमों का पालन नहीं करेगी तो जुर्माना लगाने की व्यवस्था होगी। 
ऐमजॉन इंडिया में मिला है यह अधिकार 
पिछले साल अगस्त में ऐमजॉन इंडिया ने अपने कर्मचारियों को यह अधिकार दिया। ऐमजॉन के भारतीय बॉस ने अपने कर्मचारियों को शाम अपनी जिंदगी के नाम करने को कहा। ऐमजॉन इंडिया के हेड अमित अग्रवाल ने कर्मचारियों को ईमेल भेजकर कहा कि काम और जिंदगी के बीच में बैलेंस रखें और शाम 6 बजे से सुबह 8 बजे तक ई-मेल और ऑफिस फोन कॉल्स का जवाब ना दें।

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