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नई दिल्ली ,12 जनवारी । लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार देश की जनता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। हाल ही में स्वर्णों को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने की बड़ी घोषणा की गई। वहीं अब सरकार इसके अंतर्गत गरीब सवर्णों को राज्य सरकार द्वारा संचालित तेल विपणन कंपनियों के तहत पेट्रोल पंप और कुकिंग गैस एजेंसी आवंटित करेगी।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह कंपनियां केंद्र सरकार की आरक्षण नीति का अनुसरण करेंगी। नए पारित कानून के अधिसूचित होने के बाद ईडब्ल्यूएस श्रेणी को 10 फीसदी आरक्षण (खुदरा दुकानों के आवंटन में) देने का औपचारिक प्रस्ताव उचित समय पर शुरू किया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा। राज्य के स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेता- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, हिंदुस्तान पेट्रोलियन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड में पहले से ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण नीति है। पेट्रोल पंप और एलपीजी एजेंसियों के आवंटन में ओबीसी कोटा की शुरुआत मनमोहन सिंह सरकार के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 20 जुलाई, 2012 को की थी।
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