जगदलपुर, 11 जनवरी । कुछ शरारती तत्वों द्वारा और कुछ पार्क में होने वाले लोगों द्वारा लामनी पार्क की सुंदरता एक वर्ष से अधिक समय पहले दाग लगाया गया था। उस दाग को अभी तक पोछा नहीं जा सका है और इसके बिना लामनी पार्क आधा-अध्ॉॅॅूरा सा लग रहा है। सुंदरता को पंसद नहीं करने वाले तत्वों ने लामनी पार्क में सुंदरता के लिए रखी गई मूर्तियों को बिगाड़ा और अपने अहम की तुष्टि कर ली। लेकिन इन मूर्तियों के खंडित होने के बाद मूर्तियों को पुन: उनका स्वरूप प्रदान करने में वन विभाग नाकारा सिद्ध हो रहा है। जबकि सुरक्षा के साथ इन मूर्तियों को संवारा जाना आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि इन मूर्तियों को सुधारने के लिए पहल जरूर हुई थी। लेकिन लगाये गये मूर्तिकारों के समझ में इन मूर्तियों को ठीक करना संभव नहीं लगा। तब से लेकर अभी तक लामनी पार्क की इन मूर्तियों को सुधारा नहीं जा सका है। शहर वासियों को लामनी पार्क पहुंच के भीतर और अपने बच्चों के साथ परिवार को लेकर यहां पहुंचना और समय बिताना भाता है। इस तरह मूर्तियों के खंडित होने से उन्हें भी निराशा हाथ लगती है। इन मूर्तियों को देखकर वे इस पार्क के कर्ता-धर्ताओं को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पाते हैं। पार्क की सुरक्षा महिला स्वसहायता समूह पर है, लेकिन इन महिलाओं द्वारा सैकड़ों एकड़ में फैले पार्क की सुरक्षा कर पाना संभव नहीं हो पा रहा है। जबकि यहां पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ लोगों के लिए सुविधा व सुरक्षा का होना आवश्यक है।