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10-Jan-2019 11:45:22 am
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अब डेबिट, क्रेडिट कार्ड के ऑरिजिनल नंबर नहीं, टोकन नंबर देकर कर पाएंगे पेमेंट

बेंगलुरु,10 जनवारी । क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के साथ कई जोखिम जुड़े हैं। इसी वजह से लोग किसी डिवाइस या ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर अपना कार्ड डेटा स्टोर करने से हिचकते हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) कार्ड नंबर की जगह 16 अकों का टोकन जारी करवाने की व्यवस्था करने जा रहा है। टोकन बैंकों की ओर से जारी किए जाएंगे जिन्हें कार्ड के असली नंबर की जगह इस्तेमाल किया जा सकेगा। आरबीआई का यह कदम गेम चेंजर साबित हो सकता है।
नए नियम से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। खासकर थाइलैंड जैसे देश की यात्रा पर जाने के अपने जोखिम होते हैं क्योंकि वहां कार्ड-स्कीमिंग सिंडिकेट्स बेहद सक्रिय हैं जो पब्स और ईटरीज जैसी जगहों पर कार्ड डेटा स्कीम कर लेते हैं। कई बार इंटरनैशनल वेबसाइटों से ई-सिगरेट कार्टि्रज, माउंटेन साइकल पार्ट्स या ड्रोन आदि ऑर्डर करना भी काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि उन वेबासइटों पर भारतीय वेबसाइटों की तरह टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन की अनिवार्यता नहीं होती है।
औद्योगिक जगत के दिग्गजों का कहना है कि कार्ड नंबर की जगह टोकन की व्यवस्था होने से डिजिटल पेमेंट्स को बहुत बढ़ावा मिलेगा। दरअसल, टोकन बेहद उच्च सुरक्षा मानकों के साथ जारी होते हैं। फाइनैंशल टेक्नॉलजी कंपनी एफएसएस के हेड ऑफ पेमेंट्स सुरेश राजगोपालन ने कहा, एक बार टोकन इशू हो गया तो आपके (कार्ड होल्डर के) सिवा कोई दूसरा आपका ऑरिजन कार्ड नंबर नहीं जान सकता। यहां तक कि कार्ड जारी करने वाले बैंक का एंप्लॉयी भी नहीं। आरबीआई की पहल के कारण टोकन का प्रचार बढ़ेगा और नॉर्मल रिटेल कस्टमर्स अपने बैंक से मुफ्त में टोकन जारी करवा सकेंगे।
टोकन का सबसे प्रमुख सिक्यॉरिटी फीचर इसमें लगातार बदलना है। कोटक महिंद्रा बैंक के डिजिटल हेड ने बताया, डेबिट कार्ड के बदले 16 डिजिट का टोकन हर ट्रांजैक्शन के बाद बदल जाएगा। देश में अब तक ज्यादातर इनोवेशन यूपीआई और आईएमपीएस प्लैटफॉर्मों को लेकर हो रहे हैं, लेकिन कार्ड्स को लेकर यह पहला बड़ा इनोवेशन है। इन्क्रिप्शन और टोकनिजम के जरिए हमें ई-कॉमर्स स्पेस में फर्जीवाड़े की बहुत कम गुंजाइश बच पाने की उम्मीद है। ईवीएम कार्ड और पिन के कारण एटीएम फ्रॉड में कमी आई है, लेकिन ऑनलाइन स्पेस में आगे का रास्ता टोकनिजम ही है।
इंडस्ट्री प्लेयर्स का कहना है कि ऐपलपे, सैमसंगपे जैसे वॉलिट्स के इस्तेमाल के लिए मोबाइल में कार्ड डेटा स्टोर करना पड़ता है। अब इन वॉलिट्स कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के लिए टोकन वाली सुविधा देनी होगी।

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