व्यापार

10-Jan-2019 11:44:38 am
Posted Date

लगातार दो रिटर्न नहीं भरने वालों की माल ढुलाई होगी बंद

0-ई-वे बिल जेनरेट करने पर लगी रोक
नई दिल्ली ,10 जनवारी । जीएसटी कलेक्शन में लगातार गिरावट से चिंतित सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के मकसद से रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्ती शुरू कर दी है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारियों के ई-वे बिल जेनरेट करने पर रोक लगा दी गई है और अब वे 50,000 रुपये से ज्यादा के माल की ढुलाई नहीं कर सकते।
आदेश के तहत जीएसटीएन सभी सप्लायर्स या रेसिपिएंट को ई-वे फाइलिंग पोर्टल पर ब्लॉक करेगा, जिन्होंने किसी भी दो टैक्स पीरियड (महीने या तिमाही) में रिटर्न नहीं भरा है। इससे अब उनके लिए माल का ट्रांसपोर्टेशन मुमकिन नहीं होगा, क्योंकि जीएसटी कानून के तहत 50 हजार रुपये से ज्यादा माल की आवाजाही पर ई-वे बिल भरना अनिवार्य है। यह इंटरस्टेट और राज्य के भीतर दोनों तरह की ढुलाई पर लागू होगा।
टैक्स चोरों को पकडऩा होगा आसान 
फिलहाल करीब 28त्न असेसी जीएसटी रिटर्न नहीं भर रहे हैं, जबकि ई-वे बिल जेनरेशन की तादाद ज्यादा है। सरकार को आशंका है कि ऐसे लोग माल सप्लाई तो कर रहे हैं, लेकिन उस पर वाजिब टैक्स नहीं दे रहे हैं। 20 दिसंबर तक भरे गए नवंबर महीने के जीएसटी आर-3 बी की फाइलिंग के लिए 99 लाख असेसी एलिजिबल थे, लेकिन करीब 70 लाख ने ही इसे भरा। इसी तरह छोटी कैटिगरी के कंपोजिशन डीलर्स में से करीब 25 पर्सेंट ने हालिया तिमाही रिटर्न नहीं भरा है। नॉन-फाइलर्स की तादाद में दिसंबर में रेकॉर्ड इजाफा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि ई-वे बिल पर रोक के बाद टैक्स चोरी करने वाले नॉन-फाइलर्स को पकडऩा आसान हो जाएगा।
ई-वे बिल फाइलिंग 
ई-वे बिल की फाइलिंग दो चरणों में होती है। कोई माल भेजने से पहले सप्लायर और रेसिपिएंट को पार्ट-ए भरना होता है, जबकि माल डिलीवर करने के बाद ट्रांसपोर्टर को पार्ट-बी भरना होता है। अधिकारियों का कहना है कि माल ट्रांसपोर्टेशन के दौरान पकड़े जाने के डर से कई असेसी ई-वे बिल का अनुपालन तो करते हैं, लेकिन रिटर्न नहीं भरते। नॉन-फाइलर्स पर और भी कई बंदिशें लगाई जा सकती हैं, जिसमें भारी पेनाल्टी भी शामिल है। 
15 हजार करोड़ की टैक्स चोरी 
सरकार ने बुधवार को ही यह खुलासा किया कि अप्रैल से दिसंबर 2018 तक 15,278 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी पकड़ में आई है। वित्त राज्य मंत्री श्री प्रकाश शुक्ला ने राज्यसभा को बताया कि 3626 मामलों की जांच में ये चोरी सामने आई है, जिसमें से अब तक 9969 करोड़ रुपये रिकवर कर लिए गए हैं। दिसंबर में कुल 94,726 करोड़ रुपये जीएसटी का कलेक्शन हुआ था, जो पिछले साल की इसी अवधि में हुए कलेक्शन 97,636 करोड़ से कम है।

Share On WhatsApp