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10-Jan-2019 11:42:00 am
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रेलवे में सभी मानवरहित क्रॉसिंग खत्म, इलाहाबाद में बची सिर्फ एक

नई दिल्ली ,10 जनवारी । भारतीय रेलवे ने अपने नेटवर्क से मानवरहित क्रॉसिंग्स को पूरी तरह खत्म कर दिया है। अब सिर्फ इलाहाबाद डिविजन में ही एक फाटक बचा है, जो मानवरहित है। रेल मंत्रालय का कहना है कि इसे स्थानीय लोगों के विरोध के चलते नहीं हटाया जा सका है, लेकिन जल्दी ही यहां भी मानवरहित क्रॉसिंग को खत्म कर लिया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक पिछले साल 3,478 मानवरहित फाटक खत्म किए गए।
सबसे अंत में मानवरहित क्रॉसिंग जोधपुर संभाग के बाड़मेर-मुनाबाओ खंड में खत्म हुई। रेलवे ने उन मानवरहित फाटकों को बंद कर दिया, जहां बहुत कम ट्रेनें गुजरती हैं या फिर उन्हें समीप के मानवयुक्त फाटक से संलग्न कर दिया। कुछ स्थानों पर उसने रेलमार्ग के नीचे से गुजरने वाली सडक़ या सबवे बनाया तो कुछ स्थानों पर उसने उन्हें मानवयुक्त फाटक बना दिया।
रेलवे के लिए इन मानवरहित फाटकों को खत्म करना उसके अपने नेटवर्क में सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। रेलवे के मुताबिक मौजूदा रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इस काम को प्राथमिकता बनाया, तब से ऐसे फाटकों पर मौतों में भारी कमी आई। एक अधिकारी ने कहा, यह रेलवे के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि ये (मानवरहित फाटक) मौत के भंवरजाल हैं। जिस रफ्तार से यह काम पूरा किया गया है, इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। 
रेलवे के मुताबिक वर्ष 2009-10 में केवल 930 मानवरहित फाटक खत्म किए गए थे, जबकि 2015-2016 में 1253 मानवरहित फाटक खत्म किए गए। पिछले साल सभी संभागों में 3,478 मानवरहित फाटक खत्म किए गए। पिछले सात महीने में यह काम पिछले सालों की तुलना में पांच गुणा तेजी से किया गया। 
2014-2015 में मानवरहित फाटकों पर विभिन्न घटनाओं में 130 लोगों की जान चली गई थी। 2015-16 में ऐसे फाटकों पर 58 लोगों और 2016-17 में 40 लोगों की मौतें हुईं। 2017-2018 में 26 लोग ऐसे फाटकों पर अपनी जान गंवा बैठे, जबकि पहली अप्रैल, 2018 से 15 दिसंबर, 2018 तक 16 लोग काल कवलित हो गए, उनमें 13 लोग कुशीनगर हादसे में मारे गए, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे। 
पिछले साल अप्रैल में हुए कुशीनगर हादसे के बाद ही गोयल ने सभी मानवरहित फाटकों को खत्म करने की समय सीमा 2020 से घटाकर सितंबर, 2019 कर दी। ऐसा आखिरी मानव रहित फाटक उत्तर प्रदेश में हैं, लेकिन इसे स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण खत्म नहीं किया जा सका है। अधिकारियों ने बताया कि इसे भी इस वर्ष तक खत्म कर दिया जाएगा।

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