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10-Jan-2019 10:59:45 am
Posted Date

खुद ही चालान काट देंगे लेटेस्ट कैमरे

0-ट्रैफिक रूल तोडऩे पर बचेंगे नहीं
नई दिल्ली ,10 जनवारी । रेड लाइट जंपिंग, ओवर स्पीडिंग, ट्रिपल राइडिंग, बिना हेलमेट गाड़ी चलाने जैसे ट्रैफिक वायलेशन करने वाले पुलिस की नजरों से बच नहीं पाएंगे। दिल्ली की सडक़ों पर बड़ी तादाद में कैमरे लगाए जाएंगे। ट्रैफिक रूल तोडऩे वाले अब पुलिस की नजरों से नहीं बच पाएंगे, इसके लिए 24 चौराहों पर 96 थ्री डी रडार बेस्ड रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन कैमरे (आरएलवीडी) लगवाए जा रहे हैं। इन कैमरों के जरिए ट्रैफिक रूल तोडऩे वालों की रिकॉर्डिंग करके उनकी गाडिय़ों के नंबरों के आधार पर मालिक के खिलाफ चालान जेनरेट होंगे।
ट्रैफिक पुलिस के स्पेशल कमिश्नर ताज हसन ने बताया कि ट्रैफिक रूल तोडऩे वालों की पहचान करके उनके खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए थ्री डी रडार बेस्ड रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन कैमरा (आरएलवीडी) सिस्टम लगाया जा रहा है। इसके तहत 20 करोड़ की लागत से दिल्ली के 24 जंक्शन पर कुल 96 कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरे लगाने का काम जल्द शुरू होने वाला है।
ट्रैफिक रूल तोड़ते हुए पकड़े जाने पर या चालान घर आने पर जुर्माना भरने के लिए ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट या डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए भी घर बैठे या ऑन स्पॉट जुर्माना भरा जा सकेगा। इसके लिए नई ई-चालान मशीनें मंगाई जा रही हैं। साथ ही जुर्माना भरने के सिस्टम को चेंज करने के लिए नया सॉफ्टवेयर भी डिवेलप किया जा रहा है। 
उन्होंने बताया कि मार्च तक करीब 40 प्रतिशत कैमरे लग जाएंगे। इसी साल जुलाई तक सभी 24 जंक्शन पर कैमरे लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। कैमरे रूल तोडऩे वालों की रेकॉर्डिंग करके उनकी गाडिय़ों के नंबरों के आधार पर गाड़ी मालिक के खिलाफ चालान जनरेट करते रहेंगे। गाड़ी मालिक के फोन नंबर पर एसएमएस के जरिए भी नोटिस की जानकारी जाएगी। 
ट्रैफिक पुलिस 27 करोड़ की लागत से ओवरस्पीड डिटेक्शन कैमरे भी खरीदने जा रही है। जुलाई तक कैमरे लग जाएंगे। 100 प्रमुख जगहों पर ये कैमरे लगाए जाएंगे। इनके जरिए भी ऑटौमैटिक चालान किया जा सकेगा।
इसके अलावा, 19 करोड़ की लागत से 1000 नई ई-चालान मशीनें भी खरीदी जा रही हैं। इनके जरिए लोग मोबाइल बैंकिंग, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट और क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिए भी जुर्माना अदा कर सकेंगे। साथ ही चालान घर आने पर भी ऑनलाइन पेमेंट कर सकेंगे। मई तक ये नई ई-चालान मशीनें ट्रैफिक पुलिस को मिल जाएंगी।

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