राज्य

09-Jan-2019 11:08:14 am
Posted Date

नागरिकता संशोधन विधेयक पर शरणार्थी परिवारों ने सरकार से की अपील

नई दिल्ली ,09 जनवारी । नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के लोकसभा में पास होने के बाद से भारत में रह रहे शरणार्थियों की उम्मीद बढ़ गई है। बिल का अभी राज्यसभा से पास होना बाकी है। इस बीच सालों से भारत में रहनेवाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के हिंदू, जैन, सिख शरणार्थियों ने बिल के विरोध के सवाल पर अपनी पीड़ा साझा की।
शरणार्थी परिवारों का कहना है कि हम दूसरे मुल्क में रह रहे थे तो वहां भी हमें जाने के लिए कहा जाता था और भारत में भी हमें भारतीय नहीं कहा जा रहा। अफगानिस्तान से भारत आए मनोहर सिंह ने कहा, हमारे अपने देश में हमें भारतीय नहीं माना जा रहा। यही हमारी सबसे बड़ी त्रासदी है। हम नागरिकता के लिए 20-25 साल से कोशिश कर रहे हैं। मैं सभी पार्टियों से इस बिल को पास करने का अनुरोध करता हूं।
काबुल में हुए धमाकों में परिवार के सदस्यों को खो देनेवाली अमरजीत कौर की भी पीड़ा इसी तरह ही है। अमरजीत ने सरकार से जल्द से जल्द नागरिकता बिल पास करने की अपील की। अमरजीत ने बताया, मेरे 3 बच्चे हैं और हम काबुल में भी बहुत कठिन परिस्थितियों में रहते थे। यहां भी हमारी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। हमसे बार-बार इस्लाम धर्म अपनाने के लिए कहा जाता था, काबुल में मेरे ससुर ही कमाकर परिवार चलाते थे। एक बम धमाके में उनकी भी मौत हो गई।
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 का कांग्रेस, टीएमसी, एसपी और सीपीआई (एम) जैसी पार्टियां विरोध कर रही हैं। बीजेपी की सहयोगी असम गण परिषद और शिवसेना भी बिल के विरोध में है। विधेयक क विरोध के पीछे मूल तर्क इससे एनआरसी पर असर और धर्म के आधार पर भेदभाव का दिया जा रहा है।
नागरिकता बिल का असम और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में जोरदार विरोध हो रहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस बिल का असर पूर्वोत्तर और असम के राज्यों पर नहीं पड़ेगा।

Share On WhatsApp