व्यापार

08-Jan-2019 1:35:55 pm
Posted Date

नई ईकॉमर्स नीति से ग्रोसरी प्रॉडक्ट पर नहीं मिलेगा कैशबैक, कंपनियां परेशान

नई दिल्ली ,08 जनवारी । ईकॉमर्स के क्षेत्र में तेजी से बढ़ रहे ग्रोसरी ब्रैंड्स ने नई ईकॉमर्स पॉलिसी के खिलाफ झंडा उठा लिया है। इन कंपनियों का कहना है कि नए नियमों के मुताबिक डीप डिस्काउंटिंग और कैशबैक को रोक दिया जाएगा। इससे शहरी क्षेत्रों में तेजी से ईकॉमर्स की वृद्धि पर बुरा असर पड़ेगा।
पारले के कैटिगरी हेड मयंक शाह ने कहा, डीप डिस्काउंटिंग और कैशबैक दो ऐसे आकर्षक ततरीके हैं जिनकी वजह से ग्राहक ईकॉमर्स प्लैपफॉर्म पर आता है। 1 फरवरी से यह नहीं मिलेगा तो इसका बुरा प्रभाव भी देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर ऐमजॉन और बिगबास्केट जैसे प्लैटफॉर्म भी सीधे कैशबैक की जगह से मूवी टिकट या वाउचर ऑफर करने लगें तो लोगों का आकर्षण कम हो जाएगा। 
देश के बाजार में 2 प्रतिशत ईकॉमर्स का योगददान है। 2016 में यह आंकड़ा केवल 0.4 प्रतिशत था। इंटरनेट इकॉनमी में वृद्धि की वजह से उम्मीद है कि 2030 तक ईकॉमर्स की यह हिस्सेदारी 11 प्रतिशत हो जाएगी। गोदरेज कंज्यूमर प्रॉडक्ट बिजनस के इंडिया हेड रॉबर्ड मेंजीज ने कहा, इस नियम से तत्काल फर्क पड़ेगा और ग्राहकों की रुचि कम होगी। 
कंपनियों का कहना है कि स्थित अभी अस्थिर बनी हुई है और आगे देखना है कि प्लैटफॉर्म्स क्या विकल्प निकालते हैं। 26 दिसंबर को वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने इन नए नियमों की घोषणा की थी। इसके तहत कंपनियों के खुद के सहयोगियों के उत्पादों की सीमा 25 प्रतिशत तक तय की गई थी। 
रिपोर्ट्स के मुताबिक विश्व स्तर पर पिछले दो सालों में ऑनलाइन ग्रोसरी 15 प्रतिशत खरीदी जाती थी। एफएमसीजी प्रॉडक्ट में इसकी हिस्सेदारी 70 अरब डॉलर की है। नीलसन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो सालों में भारत में ईकॉमर्स प्लैटफॉर्म पर एफएमसीजी की बिक्री तिगुनी हो गई है।

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