व्यापार

08-Jan-2019 1:34:51 pm
Posted Date

डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने और सुरक्षित बनाने के उपाय सुझाएंगे इन्फोसिस को-फाउंडर नंदन नीलेकणि

मुंबई,08 जनवारी । इन्फोसिस के को-फाउंडर और देश में हर नागिरक को यूनीक नंबर (आधार) उपलब्ध कराने के लिए प्रॉजेक्ट तैयार करने वाले नंदन नीलेकणि अब डिजिटल पेमेंट को लेकर बड़े बदलावों के सूत्रधार बनेंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (क्रक्चढ्ढ) ने मंगलवार को नीलेकणि की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया, देश जो डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के साथ इसे अधिक सुरक्षित बनाने के लिए उपाए सुझाएगी।
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि पांच सदस्यों वाले पैनल का गठन डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने और डिजिटाइजेशन के जरिए वित्तीय समावेषण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
90 दिनों में देनी है रिपोर्ट 
इसने कहा, कमिटी पहली बैठक से 90 दिन के भीतर रिपोर्ट दायर कर सकती है। कमिटी को देश में डिजिटल पेमेंट की मौजूदा स्थिति, व्यवस्था में मौजूद खामियों का भी अध्ययन करना है और उन्हें पाटने के लिए उपाय सुझाने हैं। 
ताकि बढ़े ग्राहकों का भरोसा 
पैनल को डिजिटल पेमेंट की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए जरूरी कदमों के बारे में सलाह देनी है ताकि डिजिटल माध्यमों से वित्तीय सेवाओं को हासिल करने में ग्राहकों का विश्वास बढ़े। इसके लिए दूसरे देशों में मौजूद व्यवस्थाओं का आकलन करने को भी कहा गया है। 
पैनल के सदस्य 
नीलेकणि के अलावा पैनल में पूर्व आरबीआई डेप्युटी गवर्नर एच आर खान, विजया बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ किशोर सनसी और आईटी व स्टील मंत्रालय में पूर्व सचिव अरुणा शर्मा को शामिल किया गया है। पैनल के पांचवें सदस्य आईआईएम अहदाबाद में चीफ इनोवेशन ऑफिसर संजय जैन होंगे।

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