0-अंशु प्रकाश के साथ मारपीट का मामला
नईदिल्ली ,08 जनवारी । दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए सीएम पद से तुरंत हटाने की मांग को खारिज कर दी है. दरअसल अंशु प्रकाश के साथ मारपीट के मामले में चार्जशीट आने के बाद केजरीवाल को तुरंत पद से हटाने की मांग की गई थी.
ज्ञात हो कि पिछले साल दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश से सीएम आवास पर मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी.
इस चार्जशीट में केजरीवाल और सिसोदिया समेत आप के 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया है. पूरे मामले में अरविंद केजरीवाल के पूर्व सलाहकार वीके जैन को मुख्य सरकारी गवाह बनाया गया है. बीती 18 मई को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में केजरीवाल से भी 3 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी.
क्या हुआ था उस रात
19 फरवरी 2018 की रात सीएम अरविंद केजरीवाल ने अपने सरकारी बंगले पर कुछ योजनाओं पर चर्चा के लिए मीटिंग बुलाई थी. इसमें चीफ सेक्रेटरी अंशु प्रकाश भी शामिल हुए थे. अंशु प्रकाश का आरोप है कि विवाद एक विज्ञापन पास कराने को लेकर शुरू हुआ था. उन पर दबाव डाला गया कि विज्ञापन के लिए बजट पास किया जाए. जब उन्होंने इससे इनकार कर दिया तो आप के दो विधायकों प्रकाश जरवाल और अमानतुल्लाह ख़ान ने उन्हें कंधे पर हाथ रखकर ज़बरदस्ती वहीं बैठा दिया. इसके बाद दोबारा उन्होंने उठने की कोशिश की तो उनके साथ मारपीट की गई. चार्जशीट के मुताबिक उनके गाल पर थप्पड़ मारे गए और पीठ पर भी घूंसे मारे और गलियां दी गई.
अंशु प्रकाश ने उपराज्यपाल अनिल बैजल से इस मामले की शिकायत की थी जिसके बाद एफआईआर दर्ज कराई गई थी. दिल्ली पुलिस के एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कोर्ट को बताया था कि जिस मीटिंग में चीफ सेक्रेटरी के साथ मारपीट हुई, वो मुख्यमंत्री के बंगले के कैंप ऑफिस में नहीं बल्कि ड्रॉइंग रूम में हुई थी. जांच के दौरान सीएम हाउस से जब्त किए गए सीसीटीवी के साथ छेड़छाड़ की गई थी, उनकी टाइमिंग अलग थी.