राज्य

07-Jan-2019 10:29:00 am
Posted Date

राज्यसभा में सपा, कांग्रेस, माकपा का कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस

नयी दिल्ली ,07 जनवारी । राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को सपा, कांग्रेस और माकपा सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के लिये दिये गये कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को अस्वीकार कर दिया। इस पर सदस्यों के हंगामे के कारण नायडू को उच्च सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने सदन की बैठक शुरु होने पर कार्यसूची में उल्लिखित दस्तावेजों को सदन पटल पर रखवाने के बाद कुछ सदस्यों द्वारा नियम 267 के तहत नोटिस दिये जाने की जानकारी देते हुये बताया कि उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किये हैं। इस पर सपा, कांग्रेस और माकपा सहित अन्य दलों के सदस्यों द्वारा हंगामा शुरु करने पर नायडू ने बैठक शुरू होने के 15 मिनट बाद ही कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। संसद भवन परिसर में कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के आनंद शर्मा ने राफेल मुद्दे पर, सपा के रामगोपाल यादव ने पार्टी नेताओं के खिलाफ सीबीआई के दुरुपयोग पर चर्चा कराने के लिये कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।’’ प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबरीमला मामले में केरल में जारी हिंसा के मुद्दे पर माकपा की ओर से भी नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था। आजाद ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने जो वादे किए उनको पूरा करने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सिर्फ इस पर पूरा ध्यान लगाया है कि सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का कैसे अपने विरोधियों को कमजोर करने और उन पर आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल करना है, ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे कांग्रेस के नेता हों, राकांपा के नेता हों, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक या अन्नाद्रमुक के नेता हों, उन पर सीबीआई, आयकर और ईडी की कार्रवाई के जरिए उनको डराने धमकाने का पूरा प्रयास किया।’’ आजाद ने कहा, ‘‘इस सरकार ने जाते-जाते उन पर (सपा नेताओं पर) कार्यवाही शुरू कर दी। पौने पांच साल यह सरकार कहां बैठी थी। पौने पांच साल तक इनको भ्रष्टाचार नहीं दिखा। इनका मकसद यह है कि डराओ-धमकाओ ताकि गठबंधन न होने पाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में यह राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है कि वे किसके गठबंधन करते हैं, किसके साथ नहीं । हम इसकी निंदा करते हैं और यह तानाशाही नहीं चलेगी।’’ आजाद ने कहा, ‘‘राफेल का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष लगातार उठाते आ रहे हैं। पूरा देश कह रहा है कि राफेल खरीद बहुत बड़ा घोटाला है।’’ उन्होंने कहा कि इन दोनों विषयों पर राज्यसभा में चर्चा होनी चाहिए।

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