Posted Date
नयी दिल्ली ,07 जनवारी । केंद्र में बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार पर मनरेगा की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पूर्व वित्तमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि इस रोजगार कार्यक्रम ने भुखमरी से निपटने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, लेकिन अब उसकी भी स्थिति खराब है। उन्होंने दावा किया कि राज्यों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए आवंटित धन को खर्च कर दिया है और चालू वित्त वर्ष के शेष तीन महीनों के लिए केवल 331 करोड़ रुपये की राशि ही बची हुई है। उन्होंने बताया कि इस बात का कोई संकेत नहीं दिख रहा है कि केंद्र मनरेगा के लिए अब और अधिक धन मुहैया कराएगा। उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि एक अन्य चिंताजनक बात यह है कि मनरेगा अब मांग के आधार पर संचालित होने वाला कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि इसमें अब धन की उपलब्धता के आधार पर ही श्रमिकों को काम दिया जाता है। उन्होंने कहा, धन उपलब्ध नहीं होने के कारण कई पंचायतों में काम पूरी तरह से रुक गया है। कृषि संबंधी कीमतें कम हैं। नौकरी के अवसर बहुत कम हैं। एक चीज जो भुखमरी से निपटने में मददगार थी, वह थी मनरेगा और इस कार्यक्रम की हालत भी अब खराब है।
Share On WhatsApp