0-ईडी ने कोर्ट को बताया
नई दिल्ली ,06 जनवारी । कांग्रेस पार्टी के करीबी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चल रही जांच में गंभीर मोड़ आया है। प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को दिल्ली कोर्ट को बताया कि वह लंदन में एक फ्लैट के वर्चुअल ऑनर (किसी संपत्ति का अधिकारिक मालिक न होते हुए भी उस पर अपने मालिकाना हक होने का जिक्र करना) हैं, जिसकी कीमत करीब 16 करोड़ 80 लाख रुपये से ज्यादा है।
ईडी ने वाड्रा के करीबी मनोज अरोड़ा के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट को लेकर शनिवार को अरविंद कुमार की स्पेशल कोर्ट का रुख किया। अरोड़ा ईडी की रेड के बाद से ही फरार है। ईडी का दावा है कि लंदन की प्रॉपर्टी को मनी लॉन्ड्रिंग के पैसे से खरीदा गया है। एजेंसी का दावा है कि मनोज अरोड़ा इस लेनदेन का चश्मदीद है, जो इस ट्रांजेक्शन के बारे में सब कुछ जानता है।
एजेंसी ने कोर्ट में कहा कि यह फ्लैट भगोड़े डिफेंस डीलर संजय भंडारी ने 16 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा था और वाड्रा के कंट्रोल वाली फर्म ने इसी कीमत पर भंडारी से इसे खरीदा था। भंडारी के खिलाफ ऑफिशल सीक्रेट ऐक्ट के तहत 2016 में मुकदमा दर्ज किया था।
यह भी आशंका जताई जा रही है कि भंडारी नेपाल के जरिए देश छोडऩे में कामयाब रहा है। इसके बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भंडारी की दिल्ली और गुडग़ांव स्थित प्रॉपर्टी को जब्त कर लिया था, लेकिन उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
अरोड़ा भी दिल्ली और बेंगलुरू स्थित उसकी संपत्तियों पर ईडी की रेड के बाद से फरार है। यह रेड वाड्रा के खिलाफ ब्लैक मनी ऐक्ट में दायर की गई थी।
अरोड़ा के खिलाफ गैर जमानती वॉरंट की मांग करते हुए ईडी ने कोर्ट को बताया कि कई बार बुलाने के बाद भी अरोड़ा पूछताछ के लिए नहीं आया है। ईडी ने कहा कि अरोड़ा से पूछताछ जरूरी है, क्योंकि वह वाड्रा के खिलाफ कई लेनदेन की जानकारी रखता है।