नई दिल्ली ,05 जनवारी । नोटबंदी के बाद भारत तेजी से डिजिटलाइजेशन की तरफ आगे बढ़ा है। आज देश में अधिकतर पैसों का लेनदेन ऑनलाइन माध्यम से हो रहा है। लेकिन इसी के साथ ही ऑनलाइन माध्यम द्वारा पैसों की ठंगी भी खूब हो रही है। ठगी के कई मामले दर्ज है। अगर आप भी ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं और आपको भी फ्रॉड से डर लगता है, तो मत घबराएं। भारतीय रिजर्व बैंक की नई गाइड लाइन के मुताबिक अगर किसी ग्राहक के साथ कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड होता है तो उसके नुकसान के भुगतान की पूरी राशि वपास दी जाएगी।
नई गाइड लाइन के अनुसार अगर ई-वॉलेट या प्री-पेड इंस्ट्रमेंट जारी करने वाली कंपनी की लापरवाही से कोई फ्रॉड होता है तो ग्राहक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। इसी तरह अगर थर्ड पार्टी एजेंसी की गलती से ग्राहक को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो भी ग्राहक को नुकसान की पूरी राशि दी जाएगी। इसी के साथ अगर ग्राहक की गलती से गलत सौदा किया जाता है तो इसके लिए थर्ड पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राहक की होगी। हालांकि ग्राहक की लापरवाही के कारण फ्रॉड हुआ है इसके बारे में ई-वॉलेट कंपनी को साबित करना होगा।
फ्रॉड की जानकारी मिलने के ग्राहक को तीन दिनों के अंदर इसकी शिकायत ई-वॉलेट कंपनी से करनी होगी। तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर ग्राहक को पूरी भरपाई की जाएगी। अगर शिकायत 4 से सात दिन के अंदर की जाती है तो नुकसान की असली रकम या फिर अधिकतम दस हजार रुपये में से जो भी कम होगा वही दिया जाएगा। अगर 7 दिन के बाद ग्राहक शिकायत दजऱ् कराता है तो ई-वॉलेट कंपनी की इस मामले पर जो पॉलिसी होगी उसी के हिसाब से भरपाई की जाएगी।