0-सबरीमाला विवाद
तिरुवनंतपुरम ,04 जनवरी । केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के प्रवेश के बाद राज्य में हिंसा फैल गई है। राज्य में स्थिति तनावपूर्ण है और कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। गुरुवार को पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई जगह मुठभेड़ हुई। हिंसा को देखते हुए राज्यपाल पी सदाशिवम ने मुख्मंत्री पिनाराई विजयन से कानून व्यवस्था पर रिपोर्ट मांगी है। जानकारी के मुताबिक राज्य में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं जिसमें 21 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के साथ झगड़े में बीजेपी के तीन कार्यकर्ता चाकू से घायल हो गए थे। यह प्रदर्शन 55 वर्षीय चंद्रन उन्नीथन की मौत के बाद हिंसक हो गया था। वह सबरीमाला कर्मा समिति के कार्यकर्ता थे और सीपीएम कार्यकर्ताओं की पत्थरबाजी में घायल हो गए थे। पहले मुख्यमंत्री ने इस मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई थी लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि गहरे जख्मों की वजह से उनकी मौत हुई है।
हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा: मुख्यमंत्री
कई शहरों में राज्य परिवहन की बसें नहीं चल रही थीं वहीं कुछ प्राइवेट वाहन ही सडक़ पर दिखाई दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हिंसा राजनीतिक रूप से फैलाई गई है। सरकार किसी भी रूप में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।
विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने विजयन को जवाब देते हुए कहा कि हिंसा तो होनी ही थी। उन्होंने कहा, जब असंवेदनशील लोग राज्य में शासन करते हैं तो यह काला दिन तो देखना ही था। गुरुवार को राज्य में कांग्रेस ने काला दिवस मनाया। कई जगहों पर पत्रकारों पर भी हमले हुए। तिरुवनंतपुरम में पत्रकारों ने एक मार्च भी निकाला। राज्य पुलिस के प्रमुख ने कहा कि पत्रकारों पर हुए हमले की जांच की जाएगी।
आपको बता दें कि पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र वर्ग के महिलाओं की एंट्री की इजाजत दे दी थी। हालांकि, इस फैसले के बाद अभी तक प्रतिबंधित उम्र की एक भी महिला मंदिर में अयप्पा के दर्शन नहीं कर पाई थी। बुधवार को कनकदुर्गा और बिंदू ने दावा किया कि वे अयप्पा के दर्शन करने में सफल रहीं। इस खबर के बाद राज्य में जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए।