नई दिल्ली ,01 जनवरी । ऐपल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों को भारत में प्रॉडक्शन और एक्सपोर्ट के लिए विशेष पॉलिसी इंसेंटिव दिए जा सकते हैं। आईफोन बनाने वाली ऐपल अपने कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स को विशेष इंसेंटिव देने पर कॉमर्स मिनिस्ट्री और रेवेन्यू डिपार्टमेंट के साथ बातचीत कर रही है। ऐपल मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमईआईएस) के तहत पांच वर्षों के लिए टैक्स में छूट के साथ ही एक्सपोर्ट की मात्रा के अनुपात में इनकम टैक्स बेनेफिट भी चाहती है। इसके लिए पॉलिसी में बदलाव को लेकर मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी से जानकारी मांगी गई है।
अधिकारी ने कहा, ऐपल भारत को एक बड़े मार्केट के तौर पर नहीं देखती और इस वजह से उसका जोर एक्सपोर्ट पर है। एमईआईएस के तहत सरकार प्रॉडक्ट और जिस देश को एक्सपोर्ट किया जा रहा है उसके आधार पर ड्यूटी में 2-4 पर्सेंट का बेनेफिट देती है। मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स ऐंड आईटी इन इंसेंटिव के जरिए देश को इलेक्ट्रॉनिक्स के एक्सपोर्ट का हब बनाना चाहती है। सरकार का मानना है कि केवल ऐपल को इंसेंटिव देने के बजाय पूरी इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को पॉलिसी में बदलाव का फायदा मिलना चाहिए।
कॉमर्स मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने पिछले सप्ताह कहा था कि ऐपल की भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की योजना पर वह जनवरी में दावोस में होने वाले वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम में कंपनी के एग्जिक्यूटिव्स के साथ मुलाकात करेंगे।