व्यापार

01-Jan-2019 10:33:16 am
Posted Date

आरकॉम और जियो डील की उम्मीद बरकरार, डेडलाइन 6 महीने बढ़ी

मुंबई ,01 जनवरी । रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) और रिलायंस जियो इंफोकॉम ने उस अग्रीमेंट की अवधि बढ़ाकर 28 जून, 2019 कर दी है, जिसके तहत अनिल अंबानी की कंपनी बड़े भाई मुकेश की फर्म को कुछ वायरलेस एसेट्स बेचना चाहती है। इससे पहले अटकलें लग रही थीं कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिलने की वजह से डील शायद न हो पाए।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया, रिलायंस की सब्सिडियरी रिलायंस जियो ने रिलायंस कम्युनिकेशंस की एसेट्स को खरीदने के लिए हुए समझौते की अवधि बढ़ाकर 28 जून 2019 कर दी है। एक अलग फाइलिंग में आरकॉम ने बताया कि जियो के साथ 28 दिसंबर 2017 को टावर, फाइबर, एमसीएन और स्पेक्ट्रम बेचने का जो एग्रीमेंट हुआ था, उसकी मियाद बढ़ाकर 28 जून 2019 कर दी गई है। इस बारे में पूछे गए सवालों का दोनों ही कंपनियों ने जवाब देने से इनकार कर दिया।
आरकॉम और जियो के बीच 17 हजार की चार वायरलेस एसेट्स के लिए एग्रीमेंट हुआ था, लेकिन स्पेक्ट्रम इसमें सबसे महत्वपूर्ण है। इससे जियो की 4जी एयरवेव होल्डिंग मजबूत होगी और आरकॉम को बैंकों के साथ एरिक्सन जैसी ऑपरेशनल क्रेडिटर्स का पैसा चुकाने में मदद मिलेगी। अनिल अंबानी की कंपनी पर 46 हजार करोड़ का कर्ज है। आरकॉम पहले ही जियो को फाइबर और नोड्स 5,000 करोड़ रुपये में बेच चुकी है। एक एग्जिक्यूटिव ने बताया, इस ऐलान से डील को लेकर सारी अटकलें खत्म हो जाएंगी। 
टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने दो हफ्ते पहले स्पेक्ट्रम सेल के लिए आरकॉम को मंजूरी नहीं दी थी। उसने कहा था कि यह एयरवेव ट्रेडिंग रूल्स के मुताबिक नहीं है। इसके बाद इस सौदे के टूटने की अटकलें लग रही थीं। इससे पहले जियो ने सरकार को लिखे लेटर में कहा था कि वह इन स्पेक्ट्रम के लिए आरकॉम पर बकाया रकम के लिए जवाबदेह नहीं होगी। 
इसमें जियो ने यह भी कहा था कि आरकॉम ने सौदे की खातिर जिन शर्तों की हामी भरी है, उसके पूरा किए जाने के बाद ही टेलीकॉम डिपार्टमेंट डील को मंजूरी दे। इसके बाद डिपार्टमेंट ने कहा था कि जियो की शर्तें सरकार के स्पेक्ट्रम ट्रेडिंग नॉर्म्स के मुताबिक नहीं हैं, जिनमें कहा गया है कि बेचने वाले की बकाया देनदारी के लिए स्पेक्ट्रम का खरीदार जवाबदेह होगा।

Share On WhatsApp