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लखनऊ,25 दिसंबर । हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को समझ पाना आम लोगों के लिए आसान नहीं होता है। खासकर हिंदी भाषी राज्यों में इस समस्या से अधिक लोग प्रभावित हैं। लेकिन अब उत्तर प्रदेश के लोगों को नए साल के पहले दिन से ही इस समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि 1 जनवरी 2009 से याचिकाकर्ताओं को इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला हिंदी भाषा में भी उपलब्ध होगा। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ताओं को फैसले का हिंदी वर्जन बहुत कम शुल्क में मांग पर उपलब्ध होगा। इस सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए अदालत की प्रशासनिक इकाई अनुवादकों की नियुक्ति करेगी। अधिकारी ने कहा कि यह निर्णय उन लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगा जो भाषा की बाध्यताओं की वजह से फैसले को समझ नहीं पाते।
यह निर्णय हाई कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीशों की प्रशासनिक समिति ने लिया है। इस फैसले के बाद उन लोगों को आसानी होगी जो अंग्रेजी भाषा समझने में परेशानी होती है। बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसलों को हिंदी भाषा में लोगों को उपलब्ध कराने के लिए कोशिश पिछले साल ही शुरू हो गई थी। इसके लिए प्रशासनिक समिति की दो बार बैठक भी आयोजित की गई थी।
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