राज्य

23-Dec-2018 10:23:30 am
Posted Date

अल्पकालीन कृषि ऋण माफ ी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी

रायपुर, 23 दिसम्बर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए सहकारिता विभाग ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से राज्य के किसानों के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी कर दिए गए हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि यह योजना 30 नवम्बर 2018 पर बकाया अल्पकालीन कृषि ऋणों के लिए प्रभावशील होगी। योजना में किसानों की परिभाषा तय कर दी गयी है। इसमें कहा गया है कि कृषक से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो भूस्वामी, मौरूसी कृषक, शासकीय पट्टेदार या सेवा भूमि के स्वत्व में कृषि भूमि धारण करता हो या अन्य किसी व्यक्ति की कृषि भूमि पर खेती करता हो। इसके अलावा अधिकतम 2.50 एकड़ भूमि धारण करने वाले सीमांत किसानों, 2.50 एकड़ से अधिक और पांच एकड़ तक कृषि भूमि वाले लघु किसानों, पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले बड़े किसानों सहित 31 मार्च 2018 के पहले गठित किसानों के स्व-सहायता समूहों और संयुक्त देयता समूहों को भी योजना में शामिल किया गया है। योजना की प्रस्तावना में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। जहां एक बड़ी आबादी की आय का स्त्रोत कृषि आधारित है। किसानों द्वारा कृषि कार्य के लिए विभिन्न बैंकों, सहकारी समितियों से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया जाता है। प्रदेश में विगत कई वर्षो से अवर्षा और अन्य प्राकृतिक कारणों से फसल की क्षति होती आयी है। इस वजह से किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। प्रदेश के किसानों द्वारा विभिन्न मंचों के माध्यमों से कृषि ऋण माफ करने के लिए सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। प्रस्तावना में आगे कहा गया है - प्रदेश की समग्र परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि किसानों के बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफ कर दिए जाने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे बेहतर जीवन-यापन कर सकेंगे। अत: किसानों के व्यापक हित में छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित सहकारी बैंकों और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में समस्त किसानों के 30 नवम्बर 2018 तक के अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए ऋण माफी योजना निर्धारित की गई है, जो ‘अल्पकालीन कृषि ऋण योजना 2018’ कहलाएगी। इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं तक होगा। 
सहकारिता विभाग द्वारा जारी इस योजना में किसानों की परिभाषाएं भी दी गई हैं। इसमें कहा गया है - (1) कृषक से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो भूस्वामी, मौरूसी कृषक, शासकीय पट्टेदार या सेवा भूमि के स्वत्व में कृषि भूमि धारण करता हो या अन्य किसी व्यक्ति की कृषि भूमि पर खेती करता हो। (2) सीमांत कृषक से अभिप्राय ऐसे किसान से है, जो अधिकतम 2.50 एकड़ भूमि धारण करता हो। (3) लघु कृषक से अभिप्राय ऐसे किसान से है, जो 2.50 एकड़ से अधिक और 5 एकड़ तक कृषि भूमि धारण करता हो। (4) बड़े कृषक से अभिप्राय ऐसे कृषक से है, जो पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि धारण करता है। (5) स्व-सहायता समूह से अभिप्राय किसानों के ऐसे समूह से है, जो 31 मार्च 2018 के पूर्व से गठित है और जिनके द्वारा समिति/बैंक से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया गया है। (6) संयुक्त देयता समूह से अभिप्राय किसानों के ऐसे समूह से है, जो 31 मार्च 2018 के पहले गठित है और जिनके द्वारा समिति अथवा बैंक से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया गया हो। (7) स्थगित ऋण से अभिप्राय प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर अल्पकालीन कृषि ऋणों को एक वर्ष के लिए स्थगित किया गया हो। (8) मध्यमकालीन परिवर्तित ऋण से अभिप्राय है - प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर अल्पकालीन कृषि ऋणों को मध्यमकालीन ऋणों में परिवर्तित किया गया हो। (9) मध्यम कालीन पुन: परिवर्तित ऋण से अभिप्राय है - प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर मध्यमकालीन परिवर्तित ऋणों की किश्तों को पुन: परिवर्तित किया गया हो। (10) बैंक से अभिप्राय सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से है। (11) संस्था से अभिप्राय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/वृहत्ताकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/कृषि सेवा सहकारी संस्था/आदिम जाति बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था से है। (12) अल्पकालीन कृषि ऋण का अभिप्राय सीधे किसानों अथवा उनके समूह (स्व-सहायता समूह/संयुक्त देयता समूह) को दिए गए अल्पावधि कृषि ऋण से है। योजना में ऋण माफी की पात्रताओं का भी उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार प्रदेश के सभी किसानों के ऐसे अल्पकालीन कृषि ऋण/स्थगित ऋण/मध्यमकालीन परिवर्तित ऋण और मध्यमकालीन पुन: परिवर्तित ऋण जो 30 नवम्बर 2018 पर बकाया हो, ऐसी बकाया राशि माफ की जाएगी। इसके साथ ही दिनांक 01 नवम्बर 2018 से 30 नवम्बर 2018 के मध्य बीच लिंकिंग या नगद रूप में चुकाए गए ऋणों की राशि भी माफी योग्य रहेगी, जो किसानों को वापसी योग्य होगी। 
सहकारिता विभाग की ओर से अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के प्रावधानों में यह भी कहा गया है कि इस योजना के तहत अल्पकालीन कृषि ऋणों को छोडक़र शेष किसी भी प्रकार के मध्यमकालीन/दीर्घकालीन ऋण की माफी नहीं की जाएगी। ऋण माफी का लाभ केवल सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/वृहत्ताकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/कृषि सेवा सहकारी संस्था/आदिम जाति बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था से लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋणों पर दिया जाएगा। कार्पोरेट/पार्टनरशिप फर्म/ट्रस्ट को दिए गए कृषि ऋण पर ऋण माफी का लाभ नहीं दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित माइक्रोफाइनेंस संस्थान द्वारा वितरित किसी भी प्रकार का ऋण इस योजना में शामिल नहीं होगा। खड़ी फसल के अलावा अन्य कृषि उत्पादों हेतु प्लेज एवं हाईपोथिकेशन के विरूद्ध दिए गए ऋण भी इस योजना में शामिल नहीं होंगे। 
अधिकारियों ने बताया कि कल जारी इस योजना के लिए निर्धारित प्रावधानों के अनुसार ऋण माफी के लिए आवश्यक बजट की मांग संबंधित बैंकों द्वारा अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से की जाएगी। ऋण देनी वाली संस्थाओं के दायित्वों का उल्लेख करते हुए योजना में कहा गया है कि ऋण देने वाले प्रत्येक बैंक/संस्था इस योजना के अधीन पात्र किसानों की सूची और प्रत्येक किसान के संबंध में ऋण माफी की सत्यता और विश्वसनीयता के लिए जिम्मेदार होंगी। सहकारी बैंकों के मामले में ऋण माफी की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उप पंजीयक अथवा सहायक पंजीयक द्वारा सत्यापित करवाने के बाद जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से सहकारी संस्थाओं के पंजीयक को प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के मामले में ऋण राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र संबंधित बैंक द्वारा संचालक, संस्थागत वित्त को प्रस्तुत किया जाएगा। 
योजना के दिशा-निर्देशों में आगे कहा गया है कि इस योजना के किसी पैराग्राफ या योजना के तहत जारी किसी अनुदेश की व्याख्या करने में यदि कोई संदेह होता है, तो राज्य शासन द्वारा संदेह का समाधान किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन का निर्णय अंतिम होगा। यदि योजना के प्रावधानों या इस योजना के तहत जारी किसी अनुदेश को प्रभावी बनाने में कोई कठिनाई आती है तो राज्य शासन द्वारा कठिनाई दूर करने के लिए उसे जो भी आवश्यक या तत्काल अपेक्षित प्रतीत होगा, उसके अनुसार आदेश जारी किया जाएगा। प्रचार-प्रसार की दृष्टि से योजना की प्रति अल्पकालीन कृषि ऋण देने वाले बैंक और संस्थाओं की प्रत्येक शाखा में प्रदर्शित की जाएगी।

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