नयी दिल्ली ,14 नवंबर । केंद्र सरकार ने प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रणालियों की खामियों को दूर करने और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 19 राज्यों के स्थानीय निकायों को 8453.92 करोड़ रुपये का अनुदान जारी कर दिया है।
वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने बताया कि 19 राज्यों के स्थानीय निकायों को 8453.92 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य अनुदान जारी कर दिया गया है। यह अनुदान पंद्रहवें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर जारी किया गया है। शेष नौ राज्यों को स्वास्थ्य अनुदान उस समय जारी किया जायेगा जब संबंधित राज्यों से स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को उनके प्रस्ताव प्राप्त हो जायेंगे।
पंद्रहवें वित्त आयोग ने वित्त वर्ष 2021-22 से 2025-26 की अवधि से संबंधित अपनी रिपोर्ट में स्थानीय निकायों को 427911 करोड़ रुपये का कुल अनुदान जारी करने की सिफारिश की थी। आयोग द्वारा सिफारिश किये गये अनुदान में अन्य विषयों के साथ 70051 करोड़ रुपये के स्वास्थ्य अनुदान को भी शामिल किया गया है। इस पूरी राशि में से 43928 करोड़ रुपये की सिफारिश ग्रामीण स्थानीय निकायों और 26123 करोड़ रुपये की सिफारिश शहरी स्थानीय निकायों के लिये की गई है।
इन अनुदानों का उद्देश्य प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा स्तर पर स्वास्थ्य सुविधा प्रणालियों की खामियों को दूर करना तथा स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाना है। आयोग ने स्थिति में सुधार लाने के उपायों की भी पहचान की है, जिनसे प्राथमिक स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत बनाने तथा ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में मदद मिलेगी। दोनों तरह की स्थिति-सुधार उपायों के लिये अनुदानों का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकाय प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने विशेषकर अत्यानुधिक उपचार’ प्रदान करने में तथा सर्वकालिक स्वास्थ्य सुविधा के लक्ष्य को पूरा करने में मुख्य भूमिका निभा सकते हैं। संसाधनों, स्वास्थ्य अवसंरचना और क्षमता निर्माण को ध्यान में रखते हुये स्थानीय निकायों को मजबूत बनाने से ये निकाय सीमित क्षेत्रों में फैलने वाली महामारियों और वृहद स्तर पर फैलने वाली महामारियों से निपटने में निर्णायक भूमिका निभाने में सक्षम हो जायेंगे। इन प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा संस्थानों के निरीक्षण में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों को साथ लाने से पूरी प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा प्रणाली मजबूत होगी। स्थानीय निकायों को साथ लाने से स्वास्थ्य व्यवस्था लोगों के प्रति जवाबदेह भी बनेगी।