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20-Dec-2018 12:19:11 pm
Posted Date

लालू को मिली अंतरिम जमानत, अभी जेल में ही रहेंगे

0-आईआरसीटीसी घोटाला
नई दिल्ली ,20 दिसंबर । रेलवे टेंडर घोटाले में दायर दो मुकदमों में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को राहत मिल गई है। राजधानी की पटियाला हाउस कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मुकदमों में लालू को 19 जनवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद चारा घोटाला मामले की सजा काट रहे लालू अभी जेल में ही रहेंगे।
स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने रांची जेल से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए प्रसाद को अंतरिम राहत दी। चारा घोटाला मामले में जेल में बंद लालू स्वास्थ्य कारणों से अदालत आने में सक्षम नहीं थे, इसलिए वह विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इससे पिछली सुनवाई में जज भारद्वाज को बताया गया था कि खराब सेहत की वजह से लालू पहले के निर्देश के मुताबिक अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते हैं। 
ऐसे में अदालत ने सीबीआई और ईडी को निर्देश दिया कि लालू चाहे अस्पताल में हों या फिर जेल में, विडियो कॉन्फ्रेंस के मार्फत उनकी मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। 
अदालत ने सीबीआई और ईडी को निर्देश दिया कि वह दोनों मामलों में प्रसाद की जमानत याचिका पर अपना जवाब दें। यह मामला आईसीआरसीटीसी के दो होटेल की देखरेख का ठेका निजी फर्म को सौंपने में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। इससे पहले 6 अक्टूबर को हुई सुनवाई में अदालत ने इसी मामले में राबड़ी और तेजस्वी यादव को भी जमानत दी थी।
टेंडर के बदले 3 एकड़ जमीन 
आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने रेलवे के 2 होटलों बीएनआर रांची और पुरी के देखभाल की जिम्मेदारी विनय और विजय कोचर के मालिकाना हक वाली कंपनी सुजाता होटल को सौंपी और इसके बदले लालू ने एक बेनामी कंपनी के जरिए 3 एकड़ महंगी जमीन प्राप्त की। सीबीआई ने इस मामले में इंडियन पेनल कोड की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार से जुड़ी अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। 
आरोपों के मुताबिक पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों के नियंत्रण को पहले आईआरसीटीसी को सौंपा गया और फिर इसका रखरखाव, संचालन और विकास का काम पटना स्थित सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया। सुजाता होटल को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों को हलका कर दिया गया। इसके बदले में पूर्वी पटना में 3 एकड़ जमीन को बेहद कम कीमत पर डिलाइट मार्केटिंग को दिया गया जो कि लालू यादव के परिवार के जानकार की है। बाद में इसे लारा प्रॉजेक्ट्स को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसके मालिक लालू के परिवार के सदस्य हैं।

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