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नई दिल्ली ,17 दिसंबर । ई-कॉमर्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार नई योजना बनाने की तैयारी में है जिससे छूट, कैशबैक और मुफ्त उपहार जैसी डील्स पर निगाह रखी जाएगी। जानकारी के मुताबिक वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ऐसे कदम उठाने की तैयारी में है जिससे ई-कॉमर्स कम्पनियों को मजबूती प्रधान करने के साथ ही घरेलू रिटेलर्स के लाभ को भी ध्यान में रखा जाएगा।
जानकारी के मुताबिक कई घरेलू रिटेलर्स ने ई-कामर्स कम्पनियों के कारण व्यवसाय में घाटे और नोटबंदी और जीएसची के प्रभाव को लेकर भी अपनी परेशानी जाहिर की है। लॉबी समूह जैसे कि द कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) और स्वदेशी जागरण मंच (आरएसएस संबद्ध) ने स्थानीय किराना और छोटी दुकानों के मालिकों की तरफ से इस मुद्दे को उठाया है।
उधर सरकारी अधिकारियों की मानें तो इस कदम से स्थानीय ट्रेडर्स को लुभाने नहीं बल्कि विश्व व्यापार संगठन द्वारा ऐसी नीति बनाना है जिससे ई-कॉमर्स को विनियमित किया जा सके। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक इससे जुड़े विवरण अभी तक बाहर नहीं आए हैं लेकिन वैश्विक तौर पर रिटेल स्टोर्स को गायब होते हुए देखा गया है जिसमें बुक स्टोर हो या फिर अन्य छोटी दुकानें।
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