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17-Dec-2018 11:17:03 am
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7 सक्रिय नक्सलियों ने बिना हथियार किया समर्पण

जगदलपुर, 17 दिसंबर । छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास एवं आत्म समर्पण नीति से प्रभावित, पुलिस द्वारा चलाये गये नक्सल विरोधी अभियान से दबाव में आकर व जनजागरण अभियान से प्रेरित होकर, समाज की मुख्य धारा में शामिल होने की इच्छा, आंध्रप्रदेश के बड़े नक्सली लीडरों की प्रताडऩा एवं भेदभाव से प्रताडि़त होकर 7 सक्रिय नक्सलियों ने सुकमा पुलिस के समक्ष बगैर हथियार आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित सभी माओवादी छत्तीसगढ़ के मूल निवासी हैं। 
बस्तर आईजी विवेकानंद सिंहा एवं डीआईजी रतनलाल डांगी ने बताया कि बस्तर रेंज में लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली संगठन पर भारी दबाव बना हुआ है, वहीं सरकार की आकर्षक पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर समाज की मुख्यधारा में जुडऩे हेतु कुल 7 नक्सलियों बारसे कैलाश पूर्व प्लाटून नंबर एवं 04 का सेक्सन बी डिप्टी कमांडर। पोडिय़म मासा पूर्व कंपनी नंबर 03 का सदस्य। माड़वी सोमड़ा जनताना सरकार अध्यक्ष गोमपाड़ा व आरपीसी स्थायी वारंटी। ताती लखमा भूमकाल मिलिशिया सदस्य। बेको आयता कृषि कमेटी सदस्य व मेहता आरपीसी। कवासी जोगा सीएनएम डिप्टी कमांडर एवं करटम बुधरा सीएमएम सदस्य बगैर हथियार आत्म समर्पण किया है।  
उन्होंने बताया कि आत्म समर्पित नक्सली बारसे कैलाश एवं पोडिय़म मासा साल 2009 में थाना कोंटा क्षेत्र के ग्राम आसीरगुड़ा के पास टे्रेक्टर वाहन को आईईडी विस्फोट, साल 2011 में थाना भेज्जी के खास भेज्जी के निकट पुलिस गश्त पार्टी पर फायरिंग तथा 2011 में ही थाना कोंटा के बेसकैम्प बंडा के पास पुलिस पार्टी पर फायरिंग की घटनाओं में शामिल रहे हैं। इसी प्रकार आत्म समर्पित नक्सली माड़वी सोमड़ा थाना कोंटा के क्रमश: 1 मार्च 2006 को ग्राम बंडा एतकलपारा निवासी नागरिक का अपहरण करने तथा 16 फरवरी 2006 को ग्राम सुन्नमगुड़ा एवं बंडा के मध्य रोड में आईईडी बिछाने की घटनाओं में संलिप्त था।  
अधिकारियों ने बताया कि सभी आत्म समर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुनर्वास योजना के तहत नियमानुसार सहायता प्रदान की जा रही है।

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