लंदन ,12 जुलाई । बुकायो साका के पेनल्टी शूटआउट चूकते ही वेंबली स्टेडियम में इंग्लिश फैंस के बीच सन्नाटा पसर गया। इंग्लैंड का पहला यूरो कप खिताब जीतने का ख्वाब अधूरा रह गया और ट्रोफी इटली के साथ रोम चली गई। इंजरी टाइम तक स्कोर 1-1 से बराबर था और फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ, जहां इटली ने 3-2 से इंग्लैंड को हराकर ट्रोफी पर कब्जा जमा लिया।
हजारों की संख्या में इंग्लैंड को चीयर करने पहुंचे फैंस की आंखों में आंसू थे, खिलाड़ी मायूस थे। दूसरी ओर, इटली का जश्न देखते बन रहा था। इंग्लैंड के स्टार कप्तान हैरी केन और स्टार्लिंग का जादू नहीं चला और आक्रामक तेवर के साथ खेल रही इटली ने अपना दूसरा यूरो कप खिताब जीत लिया। उसने इससे पहले 1968 में ट्रोफी जीती थी। यही नहीं, इटली का यह लगातार 34वां अजेय मैच भी रहा।
22 वर्षीय गियान्लुगी डॉन्नारुम्मा रहे जीत के हीरो
22 वर्षीय गोलकीपर गियान्लुगी डॉन्नारुम्मा ने जिस अंदाज में गोल पोस्ट के सामने मुस्तैदी दिखाई वह काबिलेतारीफ है। उन्होंने कई अहम मौके पर तो टीम को गोल खाने से बचाया ही साथ ही शूटआउट में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए इटली को दूसरी बार यूरो कप का चैंपियन बना दिया। या यूं कह लें कि इंग्लैंड का ख्वाब चकनाचूर कर दिया।
पेनल्टी शूटआउट का रोमांच
इंजरी टाइम तक मुकाबला बराबरी पर रहने के बाद पेनल्टी शूट आउट का पहला शॉट इंग्लिश कप्तान हैरी केन ने लिया और गेंद जाल में उलझा दी। इसके बाद इटली के डॉमेनिको बेरार्डी ने भी गोल दागने में कामयाबी हासिल की। इंग्लैंड के हैरी मैग्यूरे ने भी गोल दागा, जबकि इटली के आंद्रे बेलोटी चूक गए। इंग्लेंड के पास 2-1 की बढ़त थी, लेकिन इसके बाद इटली के लिए बुनाची और फेडेरिको ने दनादन गोल दागते हुए 3-2 का अंतर कर दिया। दूसरी ओर, इंग्लैंड के मार्कस रशफोर्ड, जादोन सांचो और बुकायो साका ऐसा करने में असफल रहे।
ल्यूक शॉ ने दिलाई बढ़त
मैच शुरू हुए दो मिनट ही हुआ था कि के. ट्रिप्पर के जबरदस्त पास पर जर्सी नंबर 3 ल्यूक शॉट ने एक झन्नाटेदार किक जड़ते हुए गेंद जाल में उलझा दिया। शॉट इतना करारा था कि इटली के गोलकीपर डोन्नारुमा को सोचने-समझने का टाइम ही नहीं मिला। यह ल्यूक का पहला इंटरनैशनल गोल भी रहा। इसके साथ इंग्लैंड ने 1-0 की बढ़त बना ली। पहला हाफ का यह इकलौता गोल रहा।
बनुची ने दागा बराबरी का गोल
दूसरे हाफ की शुरुआत इटली ने आक्रामक की। इसका फायदा भी उसे मिला। 1-4-3-3 फॉर्मेशन के साथ खेल रही इतावली टीम के लिए बराबरी का गोल अनुभवी डिफेंडर बनुची ने 67वें मिनट में दागा। यह गोल पोस्ट के काफी करीब से लगाया गया था। इस गोल के बाद इटली के खिलाडिय़ों और चाहने वालों का जश्न देखते बन रहा था। गोल के साथ इटली के खिलाडिय़ों में जान आ गई। उनका खेल और भी आक्रामक हो गया। बता दें कि बनुची यूरो कप इतिहास में गोल दागने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भी बने
सेमीफाइनल का रोमांच
इंग्लैंड का अभियान: इंग्लैंड ने डेनमार्क को सेमीफाइनल में 2-1 से हराने के साथ ही सेमीफाइनल में अपने हार के तिलस्म को तोड़ा। इंग्लैंड को 1990 और 2018 विश्व कप और 1996 के यूरोपियन चैंपिशनशिप के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। इंग्लैंड ने अंतिम-16 में जर्मनी को 2-0 से और च्ॉर्टर फाइनल में यूक्रेन को 4-0 से पराजित किया। डेनमार्क की टीम सेमीफाइनल में इंग्लैंड के लिए कड़ी प्रतिद्वंद्वी थी। हालांकि, उस पेनल्टी पर अभी भी विवाद चल रहा है जिसमें केन ने विजयी गोल दागा था।
इटली का सफर: इटली 33 जीत के बाद यहां तक पहुंचा था। उसने सेमीफाइनल में चिरप्रतिद्वंद्वी स्पेन को हराया था। पेनल्टी शूटआउट में इटली ने स्पेन को 4-2 से हराकर यूरो कप के फाइनल में प्रवेश किया।