कोरोना बचाव के लिये सतर्कता, सजगता व सावधानी है जरूरी
रायगढ़, 26 मई2021/ कोरोना महामारी की वर्तमान लहर के बीच प्रशासन कलेक्टर श्री भीम सिंह के मार्गदर्शन में शहरी क्षेत्र के साथ गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। लोगों तक जांच व इलाज सुविधा पहुंचाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इसके लिए राजस्व विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा शिक्षा विभाग की संयुक्त टीम बनाकर गांव में बढ़ते संक्रमण के मामले आने से रोकने की दिशा में लगातार स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैय्या कराने के साथ गाइडलाइन्स के पालन और जन जागरूकता कार्यक्रम के जरिए प्रयासरत हैं। इससे संक्रमण की रफ्तार कम करने में काफी मदद मिली है। वहीं कुछ ऐसे गांव भी हैं, जहां की लापरवाही से गांव सामने आए दुष्परिणाम हम सभी के लिए एक बड़ा सबक है। यह सिखाता है कि हर किसी को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। सभी को सजग और सतर्क रहना होगा।
शासन प्रशासन द्वारा लगातार कोरोना की संक्रमण रोकने के लिए ऐहतियाती सुरक्षा उपायों के प्रति लगातार जागरूक किया जा रहा है। निर्देशों का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही की जा रही है। किंतु कई लोगों द्वारा इसकी अनदेखी व कोविड प्रोटोकाल के प्रति लापरवाही से गंभीर दुष्परिणाम सामने आए हैं। ऐसा ही एक मामला ग्राम कांशीचुआ, पंडरीपानी से सामने आया है। यहां कोविड के 63 मामले और 2 युवाओं सहित 3 लोगों की असामयिक दुखद मौत इसी बात का एक सबक है जो यह दिखाता है कि अब भी कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया, कोरोना के लक्षण आने पर भी समय से कोविड टेस्ट कराकर इलाज नही लिया गया तो इसके कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं। यह सबक है कि जरूरी नहीं कि जब ऐसी घटना अपने गांव या पड़ोस में घटे तभी इसकी गंभीरता को समझा जाए। यह संकेत है कि यदि अब भी सजग सतर्क नही हुए, यदि अब भी नहीं सम्भले तो ऐसी घटना की अन्य जगह भी पुनरावृत्ति हो सकती है। किसी एक व्यक्ति की लापरवाही पूरे गांव में कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकती है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार ग्राम कांशीचुआ, पंडरीपानी में कोरोना संक्रमण के मामले माह अप्रैल में बढऩे लगे जिसके कारणों का जब पता किया गया तो मालूम पड़ा कि रायगढ़ जिले के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लोईंग के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोडतरई के उप स्वास्थ्य केन्द्र काशीचुआं पंडरीपानी पश्चिम में माह मार्च के आखिरी सप्ताह में एक शादी एवं जन्मोत्सव का कार्यक्रम हुआ। जहां बाहर से उनके कई रिश्तेदार और गांव के लोग भी बड़ी संख्या में सम्मलित हुये। उस दौरान वहां कोविड गाईड लाईन जैसे मास्क लगाना, दूरी बनाना एवं सेनेटाईजर का उपयोग करने का पालन नहीं किया गया। जन्मोत्सव कार्यक्रम के पश्चात संबंधित घर के मुखिया को सर्दी एवं खांसी हुई उसके बाद हर एक दो दिन के अंदर उनके परिवार के लगभग 7-8 लोगों को सर्दी, खांसी की शिकायत हुई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जब वहां जाकर सभी का टेस्ट किया तो सभी लोग पाजिटिव आये। जिनमें लक्षण कम थे उन्हें होम आईसोलेशन की सलाह दी गई एवं बाकी लोगों को कोविड हास्पिटल में शिफ्ट किया गया। वहीं कुछ दिनों बाद गांव के अन्य लोग जो उक्त कार्यक्रम में शामिल हुये थे उनमें से कई लोगों में कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे। लोगों की जांच की गयी। कुछ लोगों ने जांच कराने में देर की, जिनमें से 3 लोग की हालत बहुत गंभीर हो गई और उनका निधन हो गया। जिसमें 28 और 32 वर्ष के दो युवा भी शामिल हैं। ये आयोजक परिवार के पड़ोसी थे। माह अप्रैल में गांव से 63 कोविड मरीज मिले थे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में सभी सर्दी, खासी, बुखार व लक्षणात्मक मरीजों की जांच की गई तथा उन्हें दवाईयों का वितरण किया गया। गांव को कंटेनमेंट जोन बनाया गया व सभी लोगों को सामाजिक दूरी, मास्क लगाना और हाथ धोते रहने की सलाह दी गई। अभी वर्तमान में बाकी सब ठीक हो चुके है।
इस गांव में इनकी छोटी-छोटी लापरवाही की वजह से अचानक बढ़ते हुए आंकड़े ये सबक देते है कि शादी ब्याह, व्यक्तिगत व सामूहिक, पारिवारिक आयोजनों के साथ कोरोना से बचाव के दिशा-निर्देशों की अनदेखी करना, मास्क नही लगाना, सामाजिक दूरी का पालन नही करना जैसी लापरवाही व चूक, बड़े व भयावह संक्रमण की वजह बन रही है। जिससे हमें सीख लेकर इस कठिन समय में अपने गैर जरूरी व्यवहार में सुधार लाते हुए कोरोना संक्रमण से बचाव के हर संभव उपाय को अपनाना होगा। तभी जिले में कोरोना संक्रमण में प्रभावी तरीके से काबू पाने में हम सफल होंगे।