0-ओडिशा-पश्चिम बंगाल तट से 26 मई को टकराएगा चक्रवाती तूफान
0-छत्तीसगढ़ में भी होगी बारिश
रायपुर, 23 मई । देश के पश्चिमी तट पर भयानक तबाही मचाकर लौटे ताऊ ते तूफान का असर खत्म भी नहीं हुआ कि पूर्वी तट पर यास नाम के ऐसे ही तूफान का खतरा खड़ा हो गया है। यह चक्रवाती तूफान 26 मई को ओडिशा और पश्चिम बंगाल की जमीनी सीमा से टकराएगा। मौसम विज्ञानियों ने इसके छत्तीसगढ़ के मौसम पर किसी तरह असर की संभावना से फिलहाल इनकार किया है।
रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, 22 मई को उत्तर अंडमान सागर और उससे लगे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दाब का क्षेत्र बन रहा है। इसके और अधिक प्रबल होकर 24 मई को एक चक्रवात के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है। यहां से यह उत्तर-पश्चिम की ओर आगे बढ़ते हुए ओडिशा और पश्चिम बंगाल तट पर 26 मई की सुबह तक पहुंचने की संभावना है बनी हुई है। मौसम विज्ञानी एच.पी. चंद्रा ने बताया, इस चक्रवाती तूफान का नाम यास रहेगा, जिसे ओमान ने दिया है। इस तूफान का असर छत्तीसगढ़ में होने की संभावना नहीं है।
ताऊ ते ने बिगाड़ा कई प्रदेशों का मौसम
बताया जा रहा है, ताऊ ते तूफान के प्रभाव से कई प्रदेशों में भारी बरसात दर्ज हुई है। सीधे प्रभाव में आए प्रदेशों के अलावा दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश हुई है। दिल्ली में तो मई महीने की बारिश का 120 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है।
छत्तीसगढ़ में भी दो दिनों से बरसात
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में दो दिनों से बरसात हो रही है। तेज हवाओं ने पेड़ उखाड़ दिए हैं। कच्चे घरों को भी नुकसान पहुंचा है। आसमानी बिजली गिरने से भी नुकसान हुआ है। रायपुर मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक यह लोकल सिस्टम की बदौलत है। बीती रात सरगुजा, बिलासपुर संभागों, राजनांदगांव, दुर्ग, बालोद, धमतरी और कांकेर जिलों में कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बरसात हुई। मौसम केंद्र के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश के ऊपर निम्न दाब के क्षेत्र, चक्रीय चक्रवाती घेरा और यूपी से पश्चिम मध्य प्रदेश, उत्तर-मध्य महाराष्ट्र और कोंकण तक बनी द्रोणिका के प्रभाव से हो रहा है।