छत्तीसगढ़

21-May-2021 6:09:52 pm
Posted Date

पाजिटिविटी दर में कमी लाने ग्राम स्तर पर करनी होगी सख्त मॉनिटरिंग-कलेक्टर श्री भीम सिंह

कलेक्टर श्री सिंह ने रायगढ़ विकासखंड के सरपंच और सचिवों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से की चर्चा
रायगढ़, 21 मई2021/ कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रायगढ़ विकासखंड के सरपंचों व सचिवों की कोरोना प्रबंधन पर बैठक ली। सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल भी बैठक में सम्मिलित हुए। कलेक्टर श्री सिंह ने सरपंचों और सचिवों से गांवों में पाजिटिविटी तथा मृत्यु दर में कमी लाने के उपायों पर चर्चा की।
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी सरपंचों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामले जिस तरह से रायगढ़ जिले में आये हैं। इसको देखते हुए विकासखंड वार जब पॉजिटिविटी रेट तथा मृत्यु दर का अध्ययन किया गया तो यह पाया गया कि रायगढ़ विकासखंड खासकर लोइंग के अंतर्गत आने वाले गांव में कोरोना संक्रमण दर काफी अधिक है। यह जिले के पाजिटिविटी दर से ज्यादा है। इसे नियंत्रित करना हम सब की पहली जिम्मेदारी है। जिला स्तर से इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। किन्तु गांव तथा जमीनी स्तर पर इसका क्रियान्वयन तभी सफल हो पाएगा जब संबंधित गांव के जनप्रतिनिधि इसमें अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। इसके लिए आवश्यक है कि सभी अपने गांव के अंतर्गत होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज तथा उनके परिवार वालों से गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करवाएं। उन्हें आवश्यकता का सामान उनके घर में पहुंचा कर दें। उनके द्वारा सार्वजनिक सुविधाओं के उपयोग को रोकें। उल्लंघन करने वालों की जानकारी तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को दें। जिससे उनके ऊपर वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने गांव में सभी को मास्क लगाने के लिए प्रेरित करने के लिए कहा। इस संबंध में कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि उनके घर के 10 से 12 स्टाफ  पॉजिटिव आये जिनमें उनके ड्राइवर और गनमैन भी शामिल थे, किन्तु हमेशा मॉस्क लगाने के कारण मैं संक्रमण से बचा रहा। यह दिखाता है कि नियमित रूप से और सही तरीके से मॉस्क लगाने से संक्रमित होने से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि गांवों में मितानिनों को लक्षणात्मक मरीजों के लिए दवाई के किट और ऑक्सिमीटर दिए गए हैं। इसका उपयोग कर मरीजों के ऑक्सीजन लेवल मापते रहने के लिए कहा। जिससे मरीज की स्थिति पर नजर रखी जा सके। ऑक्सीजन लेवल 94 से नीचे जाने पर तत्काल उसे हॉस्पिटल में शिफ्ट करना है। इससे सही समय पर उसे ऑक्सीजन और इलाज मिल सके तथा मरीज को गंभीर अवस्था में जाने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि अधिकांश मामलों में मरीज ऑक्सीजन का लेवल काफी कम होने पर पहुंचते हैं। जिससे उन्हें बचा पाना मुश्किल होता है। कोरोना की इस लहर में युवा बड़ी संख्या में चपेट में आये हैं। ऐसे में सभी को अत्यंत सतर्क रहने की जरूरत है।
कलेक्टर श्री सिंह ने आगे कहा कि विकासखंड में कोविड संक्रमण के रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन करने में सरपंच सचिव महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वैक्सीनेशन में जिसका असर दिखा भी है। आज रायगढ़ जिला कोविड वैक्सीनेशन में दूसरे जिलों से कहीं आगे चल रहा है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण के पहले डोज के मामले में रायगढ़ जिले में 1 माह पहले ही शत-प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति कर ली है। यह ग्राम स्तर पर सरपंच और सचिवों की जागरूकता व सक्रियता से ही संभव हो सका है।
इस दौरान कलेक्टर श्री सिंह ने विकासखंड के उन गांवों के सरपंचों से भी बात की जहां पिछले दिनों कोविड के मामले अधिक आये हैं। उन्होंने सरपंचों से उनके गांव में ज्यादा मामले आने के कारणों पर विस्तार से चर्चा की। अधिकांश लोगों ने बताया कि औद्योगिक क्षेत्रों के समीप स्थित होने के कारण लोगों का काम के सिलसिले में आना जाना होता है। जिससे संक्रमण के मामले बढ़े हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने इन गांवों के जनप्रतिनिधियों को अपने स्तर पर ग्रामीणों के बीच कोविड से बचाव के लिए जागरूकता फैलाने, नियमों का सख्ती से पालन करने तथा अनिवार्य रूप से टीकाकरण करवाने के लिए कहा। जिससे तेजी से संक्रमण दर में कमी लायी जा सके। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को भी इन गांव में लगातार निरीक्षण करने व पुलिस के माध्यम से पेट्रोलिंग करवाने के निर्देश दिए।
जिला पंचायत सीईओ डॉ.रवि मित्तल ने इस दौरान कहा कि संक्रमण की रोकथाम के लिए ग्रामीण स्तर पर स्व अनुशासन से गाइडलाइन्स का पालन करना होगा। गांवों में मनरेगा के कार्य संचालित हैं इस दौरान भी नियमों के पालन में खास ध्यान देना होगा। इसके लिए सरपंच सचिवों को विशेष मॉनिटरिंग करनी होगी।
ऑनलाइन आयोजित इस बैठक में एसडीएम रायगढ़ श्री युगल किशोर उर्वशा, सीईओ जनपद पंचायत सागर सिंह राज, डीपीएम एनआरएलएम श्री अविक बासु सहित विकासखंड के 128 गांवों के सरपंच व सचिव शामिल हुए।
 

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