जांजगीर-चांपा , 14 मई । जिले में बीती रात कांस्टेबल का शव लकड़ी से बंधे तारों के साथ लिपटा हुआ पाया गया है। पुलिस इसे एक हादसा बताकर इस मामले की जांच कर रही है। वहीं परिजनों ने कांस्टेबल पुष्पराज की मौत को हत्या बताकर उसकी जांच उच्च अधिकारियों से कराने की मांग कर रही है।
मिली जानकारी के अनुसार यह घटना बुधवार के रात 12 से 1 बजे की बतायी जा रही है। जांजगीर थाना क्षेत्र के सुनसान इलाके पर पुष्पराज सिंह की लाश तारों से लिपटी हुई पायी गई है। शव के पास उसकी स्कूटी भी पड़ी मिली है। इधर इस घटना की जानकारी के बाद कांस्टेबल के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं मृतक कांस्टेबल के परिजनों ने इस पूरे मामले को हत्या से जोडक़र इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे है।
दरअसल परिजनों का कहना हैं कि पुष्पराज पीडि़त पुलिसकर्मियों की आवाज सोशल मीडियां के माध्यम से लगातार उठा रहा था। इसी वजह से उसे कई बार धमकी भरे फोन भी आते थे। साथ ही जान से मारने की धमकी भी उसे दी जाती थी। परिजनों को आशंका हैं कि इसी वजह से उसकी हत्या की गयी होगी। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले को महज एक हादसा बताकर इसकी जांच की बात कह रही है।
छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में पदस्थ आरक्षक पुष्पराज सिंह की संदिग्ध मौत के मामलें में एसपी पारूल माथुर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर मजिस्ट्रियल जांच के लिए कार्यपालिक मजिस्ट्रेट नियुक्त करने कहा है। वही पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कार्डियोरैसपाइरेटरी अरेस्ट (हृदय की धडक़न रुकने) से मौत होने की बात सामने आई है।
आरक्षक पुष्पराज सिंह की मौत के मामले में पुलिस का कहना था कि आंधी तूफ ान की वजह से टूटे थे बिजली के तार की चपेट में आने से उसकी मौत हुई है। जबकि परिजन सहित कई राजनीतिक पार्टी ने हत्या की आशंका जाहिर की है। आरक्षक पुष्पराज सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार को लेकर लगातार पोस्ट किया करता था। वहीं पुष्पराज के एक विडियों के अनुसार उसके पास पुलिस विभाग के भ्रष्टाचार का कई सबूत थे जिसे वह जल्द ही वह सबके सामने लाने वाला था। इसी दौरान उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। आरक्षक की मौत के बाद तीन डॉक्टरों की टीम ने वीडियोग्राफ ी के साथ आरक्षक के शव का पोस्टमार्टम किया है। उसकी शॉर्ट पीएम रिपोर्ट आ चुकी है। जिसमें डॉक्टरों ने कार्डियोरैसपाइरेटरी अरेस्ट (हृदय की धडक़न रुकने से मौत) का कारण बताया है।