रायगढ़, 9 मई2021/ अंग्रेजी में एक कहावत है प्रिवेंशन इस बेटर देन क्योर जिसका मतलब है रोकथाम हमेशा उपचार से बेहतर होता है। यह कहावत अभी के हालातों में एकदम सटीक बैठती है। कोरोना वायरस की यह दूसरी लहर पहले के मुकाबले ज्यादा संक्रामक और घातक सिद्ध हुई है। लेकिन राहत कि बात भी है कि जहां पहली लहर के दौरान इसके रोकथाम के लिए कोई टीका नहीं था। अभी हमारे पास टीके का विकल्प मौजूद है, वो भी दो-दो टीके का। पहले जहां हमे अपने आप को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बेहवियर के पालन पर निर्भर थे। अभी टीके के साथ हम कोरोना वायरस के प्रति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने में सक्षम हैं।
जब से कोरोना वायरस ने समूचे मानव जाति को इतने व्यापक और भयावह रूप से प्रभावित किया है, तब से समूचे विश्व में वैज्ञानिक शोधों का केन्द्र इस वायरस से निपटने के लिए दवा या टीका बना रहा है। हमारे प्रयास इस मामले में काफी अग्रणी साबित हुए। हमने एक साल के भीतर ही टीका बना लिया और जन समुदाय के लिए व्यापक टीकाकरण शुरू कर दिया।
सीएमएचओ डॉ.केशरी बताते हैं कि टीका लगने से लोगों के शरीर में वायरस से लडऩे के लिए एंटीबाडीज का निर्माण होता है। यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती देता है। जिससे संक्रमण की रोकथाम के लिए दोहरा फायदा होता है। पहला टीकाकृत व्यक्ति यदि कोरोना से संक्रमित होता है तो उसके शरीर में वायरस से लडऩे के लिए एंटीबाडीज मौजूद होती है। जो संक्रमण के स्तर को नियंत्रित करता है। जिससे व्यक्ति की गंभीर अवस्था में पहुंचने की संभावनाएं न्यूनतम हो जाती हैं। दूसरा संक्रमित व्यक्ति से अन्य व्यक्तियों में संक्रमण का विस्तार संक्रमित व्यक्ति के शरीर में मौजूद वायरल लोड पर निर्भर करता है। एक टीकाकृत व्यक्ति के अंदर चूंकि एंटीबाडीज होती हैं। जब उसके शरीर में वायरस का प्रवेश होता है तो यह एंटीबाडीज वायरस को नष्ट करने का काम शुरू कर देती हैं। जिससे उस टीकाकृत व्यक्ति में वायरल लोड सीमित रहता है और दूसरों को संक्रमित करने की सम्भावनाएँ अत्यंत क्षीण हो जाती हैं।
कोरोना की इस घातक लहर के बीच भी हेल्थ केयर और फ्रंट लाइन वर्कर्स इतनी मुस्तैदी से काम कर पा रहे हैं उसके पीछे टीकाकरण की सबसे अहम भूमिका है। स्वास्थ्य विभाग के श्री भुवनेश्वर मालाकार ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि टीका लगने के बाद भी उन्हें संक्रमण हुआ तो उन्हें न के बराबर लक्षण आये, वे बहुत तेजी से रिकवर हुए और संक्रमण का आगे विस्तार भी नही हुआ। सिर्फ कल्पना किया जा सकता है जहां इतने बड़े पैमाने पर लोग संक्रमित हो रहे हैं ऐसे में हेल्थ केयर और फं्रट लाइन वर्कर्स को कितने कठिन हालातों में काम करना पड़ रहा है, ऐसे में इतने बड़े वर्क फोर्स में संक्रमितों की संख्या कम रही और वे भी अपेक्षाकृत तेजी से रिकवर हुए है तो ऐसे में कहा जा सकता है कि टीकाकरण ने इस वायरस के खिलाफ उन्हें एक मजबूत कवच दिया है।
यह अभूतपूर्व चुनौतियों का समय है। इससे निपटने के लिए हर किसी को अपनी भूमिका निभाने की आवश्यकता है। संक्रमण के रोकथाम के लिए विभिन्न ऐहतियाती कदम उठाने पड़े हैं। ऐसे कदम जिसकी कल्पना भी कभी हमने नहीं की थी। जो संक्रमित हो रहे हैं उनकी पहचान और उपचार के लिए अभूतपूर्व स्तर पर कार्य किया जा रहा है। शासन-प्रशासन का मुख्य फोकस आज हेल्थ पर है। इंफ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता के सभी जरूरी कार्य बिना रुके चल रहे हैं। ऐसे महत्वपूर्ण समय में कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए सभी से जो सहयोग की जरूरत है, वो कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करना और टीके की दोनों खुराक लगवाना। टीका लगवाने से संक्रमण का प्रसार कमजोर होगा और कोरोना वायरस के नियंत्रण और रोकथाम के प्रयास व्यापक और दीर्घकालिक स्तर पर असरदायक होंगे।