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10-Dec-2018 11:25:19 am
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मतगणना कल : मतगणना परिसर की होगी ड्रोन कैमरे से निगरानी

0-राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों की दिलों की धडक़नें तेज 
रायपुर, 10 दिसंबर । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों के साथ ही प्रदेश स्तरीय नेताओं की दिलों की धडक़नें तेज हो गई है। इधर आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। यह पहली बार होगा जब ड्रोन कैमरे से पूरे मतगणना परिसर की निगरानी रखी जाएगी। मतगणना में सुरक्षा को लेकर काफी सख्ती बरती जा रही है। 
छत्तीसगढ़ सहित पांच राज्यों मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम  में संपन्न हो चुके विधानसभा चुनाव का परिणाम कल सामने आ जाएगा। सुबह 9 बजे से ही रूझान आने शुरू हो जाएंगे। इधर चुनाव परिणाम को लेकर राजनीतिक दलों, प्रदेश स्तरीय नेताओं और पार्टी प्रत्याशियों की दिलों की धडक़नें तेज हो गई है। अधिकांश प्रत्याशी कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं के माध्यम से रूझान जानने के लिए प्रयासरत हैं। लेकिन इस बार राज्य में संपन्न हो चुके विधानसभा चुनाव का रूझान जानने में अच्छे-अच्छे राजनीतिक जानकारों और सर्वे टीम के लिए भी टेड़ी खीर साबित हो रही है। अब तक के एग्जिट पोल में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा नहीं किया गया है। वहीं इस बार प्रदेश में त्रिशंकु चुनाव को लेकर भी काफी रोमांच बना हुआ है। हालांकि जानकारों की माने तो प्रदेश में त्रिशंकु परिणाम के आसार काफी कम है। इसका कारण भी स्पष्ट है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही हुआ है। जोगी कांग्रेस के साथ बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन वाले सीटों पर मुश्किल से 6 सीट आने की उम्मीद जताई गई है। हालांकि दोनों ही राष्ट्रीय दलों को यदि स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता तो यह 6 सीट भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके अलावा राज्य के रायगढ़, महासमुंद और बसना में चुनाव लडऩे वाले निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका भी इस तरह की परिस्थितियों में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने-अपने जीत के प्रति आश्वस्त नजर आ रहे हैं। 
इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने मतगणना की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। पुलिस प्रशासन की ओर से कानून और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आधा दर्जन से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी जा चुकी है। यह पहली बार होगा कि मतगणना स्थल में कई स्तर के जांच-पड़ताल के बाद ही पासधारियों को प्रवेश दिया जाएगा। आलम यह होगा कि मतगणना में शामिल अधिकारियों, कर्मचारियों को भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेनी होगी। इसका मतलब यह हुआ कि एक टेबल में बैठा कर्मचारी दूसरी टेबल तक भी नहीं जा सकेगा। इधर सुरक्षा को और सख्त करते हुए इस बार पूरे मतगणना स्थल की डे्रान कैमरे से निगरानी रखी जाएगी। इसके अलावा मतगणना स्थल के आसपास कई स्तर का सुरक्षा घेरा रखा जाएगा। 
विजयी प्रत्याशी प्रमाण पत्र लेकर पहुंचे मुख्यालय :
इधर मिशन-65 का नारा भूलने के बाद भाजपा के नेताओं ने पार्टी प्रत्याशियों को स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि विजयी प्रत्याशी विजयी घोषित होने के बाद जीत का प्रमाण पत्र लेकर सीधे पार्टी मुख्यालय पहुंचेंगे और किसी भी तरह के विजयी जुलूस आदि में शामिल नहीं होंगे। कुछ इसी तरह के निर्देश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी अपने प्रत्याशियों को दिया है। विजयी होने की दशा में सभी विजयी प्रत्याशी प्रमाण पत्र लेकर सीधे कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन पहुंचेंगे। इस निर्देश का सीधा मतलब यही है कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों को खरीद-फरोख्त की आशंका है। इससे बचने के लिए ही दोनों ही दल अपने-अपने विजयी प्रत्याशियों को एक साथ रखना चाहते हैं। 

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