छत्तीसगढ़

03-Jun-2018 5:30:44 pm
Posted Date

धनिया की हरियाली, टमाटर की लाली से किसानों के जीवन में आयी खुशहाली

रायगढ़. रायगढ़ जिले के किसान खेती-किसानी के साथ-साथ सब्जी उत्पादन, फूलों की खेती, मसाला उत्पादन करके अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे है। पहले पारंपरिक खेती पर ही निर्भर रहते थे। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने आधुनिक तकनीकी से खेती करना शुरू कर दिया। जिले में वर्ष 2017-18 में फल क्षेत्र विस्तार योजना के अंतर्गत 348 हेक्टेयर में आम, 50 हेक्टेयर में केला, 50 हेक्टेयर में पपीता एवं 20 हेक्टेयर में अमरूद का रोपण किया जा रहा है। इसी प्रकार लगभग 20217 हेक्टेयर में सब्जी की खेती, 3600 हेक्टेयर में टमाटर, आलू की खेती 3435 हेक्टेयर में कर रहे है। विकासखण्ड बरमकेला, सारंगढ़, पुसौर तथा रायगढ़ में धनिया पत्ती की सालभर पैदावार की जा रही है। किसानों का मानना है कि धनिया एवं टमाटर से बाजार में उनको अच्छी मूल्य मिल जाती है। इसी प्रकार इस क्षेत्र के अधिकतर किसान टमाटर, धनिया पत्ती को प्राथमिकता देते है। इन क्षेत्रों में धनिया की खेती 2450 हेक्टेयर में की जा रही है। जिससे पूरे क्षेत्र में 9655 मे.टन धनिया पत्ती का उत्पादन हो जाता है। किसान धनिया पत्ती का स्थानीय मार्केट में विक्रय करने के साथ-साथ अपने नजदीकी राज्य उड़ीसा, कटक एवं भुनेश्वर में भी धनिया पत्ती का निर्यात करके आर्थिक रूप से संबल बन रहे है।
जिले के किसान अब सिंचाई के आधुनिक तकनीकी का भी उपयोग करने लगे है। कम पानी से संरक्षित खेती के लिए ड्रिप सिंचाई के साथ फसलों को सुरक्षित रखने के लिए ड्रीप मल्चिंग पद्धति को अपना रहे है। इसके साथ ही टमाटर, तरबूज एवं करेले की खेती को बढ़ावा देने लगे है। क्योंकि मार्केट में टमाटर, धनियापत्ती, हरी मिर्च एवं अन्य सब्जियों की सालभर मांग बनी रहती है। पुसौर विकासखण्ड के ग्राम-बड़े भंडार के कृषक फणिन्द्र प्रधान अपने दो हेक्टेयर की खेत में केले की खेती कर रहे है। इसी प्रकार पुसौर विकासखण्ड के गढ़उमरिया निवासी केदारनाथ चौधरी 2 हेक्टेयर के खेत में टमाटर की खेती एवं ग्राम-भाठनपाली निवासी आमोद खिरवाल अपने खेतों में तरबूज, टमाटर एवं करेले की खेती से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भन बन गए है। किसानों ने बताया कि उद्यान विभाग के मार्गदर्शन में उन्हें आधुनिक खेती के बारे में जानकारी समय-समय पर मिलती है और शासन की योजनाओं का लाभ लेकर आज आर्थिक रूप से संपन्न हो गए है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए अन्य किसानों को शासन की योजना का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया। 

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