व्यापार

09-Dec-2018 9:37:44 am
Posted Date

टैक्स चोरी तो नहीं कर रहीं विदेशों में काम करने वाली भारतीय कंपनियां? कसेगा शिकंजा

मुंबई ,09 दिसंबर । विदेशों में कामकाज करने वाली या इस प्रक्रिया में लगी कोई कंपनी यदि इन्वेस्टमेंट स्ट्रक्चर के जरिए टैक्स देनदारी को कम करने की कोशिश में जुटी है तो उनपर टैक्स डिपार्टमेंट का शिकंजा कस सकता है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के सदस्य अखिलेश रंजन ने कहा, अब हमें टैक्स बेस के संरक्षण और संवर्धन के बारे में सोचना है। हमें वैश्विक रूप से काम कर रही इंडियन इंडस्ट्री को देखना है। हमने अभी तक इस ओर अधिक ध्यान नहीं दिया है। हम अभी तक अंदरुनी निवेश पर ही फोकस करते रहे हैं।
रंजन नए डायरेक्ट टैक्स कोड को ड्राफ्ट करने वाले टास्क फोर्स के कन्वीनर भी हैं। उन्होंने कहा, अब यह देखने का समय है कि इंडियन इंडस्ट्री टैक्स देनदारी को कम करने के लिए क्या तरीका अपना रही है। यदि कानून में खामियां हैं तो हमें उन्हें दूर करनी हैं। 
फाउंडेशन फॉर इंटरनैशनल टैक्सेशन और इंटरनैशनल ब्यूरो ऑफ फिस्कल डॉक्युमेंटेशन की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस में रंजन ने भविष्य में टैक्स क्षेत्र में होने वाले बदलावों, खासतौर पर इंटरनैशनल टैक्स, की रूपरेखा पेश की। 
आरबीआई डेटा के मुताबिक, भारत से विदेशों में इस साल अक्टूबर में 1757 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ, जो अक्टूबर 2017 में 1962 मिलियन डॉलर था।

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