नई दिल्ली। जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने मीडिया को जारी बयान में कहा कि जमाअत इस्लामी हिन्द प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुध की शाम पापुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) के कार्यालय पर छापे की निंदा करती है। इस तरह से पीएफआई के कार्यालयों पर छापे मारना विभाग के मानक संचालन प्रक्रिया के खि़लाफ है। इस तरह की कार्रवाई से ऐसा महसूस होता है कि असहमति की आवाज़ को खामोश करने के लिए हकूमत अलोकतांत्रिक तरीक़े से विभिन्न सरकारी एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल कर रही है।
उन्होंने कहा कि भय का वातावरण पैदा करने और असहमति की आवाज़ों को दबाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल किया जाना अफ़सोसनाक है। ये अलोकतांत्रिक प्रक्रिया उन लोगों, समूहों और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं के खि़लाफ़ अंजाम दिया जा रहा है जो सरकार की नीतियों की आलोचना करते हैं। देश भर में पीएफआई के कार्यालयों पर ईडी के हालिया छापे अत्यंत निंदनीय है। सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की अशोभनीय कार्रवाई से बचे, क्योंकि इसकी वजह से सरकार और अवाम के बीच अविश्वास बढ़ता है। प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने छापों पर चिंता प्रकट करते हुए आगे कहा कि सरकार का जनविरोधी रवैया दिन प्रतिदिन बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। पीएफआई पर छापों की टाइमिंग को देखते हुए यह संदेह पैदा होता है कि किसानों के जारी विरोध से अवाम का ध्यान हटाने के उद्देश्य से इसे किया गया है। सरकार का विभिन्न एनजीओ और लोगों के साथ इस तरह का रवैया संविधान की आत्मा के खि़लाफ़ है।