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05-Dec-2020 11:50:57 am
Posted Date

अर्थव्यवस्था दूसरी छमाही में वृद्धि के रास्ते पर लौटेगी

मुंबई।  भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के वृद्धि की राह पर लौट आने का अनुमान है। कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही में 23.9 फीसद और दूसरी तिमाही में 7.5 फीसद की गिरावट आई है। मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, दूसरी छमाही में कुछ सकारात्मक वृद्धि की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पूरे वित्तीय वर्ष 2020- 21 के दौरान अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसद तक गिरावट रहने का अनुमान है। हालांकि, इससे पहले बैंक ने वर्ष के दौरान 9.5 फ ीसद की गिरावट आने का अनुमान लगाया था।
रिजर्व बैंक ने अक्तूबर में जारी पूर्वानुमान में कहा था कि चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी में 9.5 फ ीसद की गिरावट आ सकती है। दास ने कहा कि अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में वृद्धि की राह पर लौट सकती है। उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में 0.1 फ ीसद और चौथी व अंतिम तिमाही में 0.7 फ ीसद आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है। इस तरह चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में वृद्धि दर के सकारात्मक रहने की उम्मीद है। रिजर्व बैंक ने अक्तूबर के मौद्रिक नीति समीक्षा बयान में कहा था कि 2020-21 में वास्तविक जीडीपी में 9.5 फ ीसद गिरावट रहने का अनुमान है। रिजर्व बैंक ने तब तीसरी तिमाही में 5.6 फीसद गिरावट और चौथी तिमाही में 0.5 फीसद की वृद्धि का अनुमान जाहिर किया था।भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कहा कि आने वाले महीनों में खुदरा महंगाई के उसके संतोषजनक स्तर से ऊंची बने रहने का अनुमान है। केन्द्रीय बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में खुदरा मुद्रास्फ ीति 6.8 फीसद रह सकती है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का विचार है कि जल्द नष्ट होने वाली कृषि उपज की कीमतों से सर्दियों के महीनों में क्षणिक राहत को छोड़कर मुद्रास्फीति के तेज बने रहने की संभावना है। हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति के 2020-21 की चौथी तिमाही में कम होकर 5.8 फ ीसद रहने का अनुमान है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फ ीति तेजी से बढ़कर सितंबर में 7.3 फीसद और अक्टूबर में 7.6 फ ीसद पर पहुंच गयी। उनके अनुसार, कीमतों का दबाव बढऩे से पिछले दो महीने के दौरान मुद्रास्फ ीति का परिदृश्य उम्मीद की तुलना में प्रतिकूल रहा है।

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