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04-Dec-2020 3:40:55 pm
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देश में पहली बार बनेंगे स्मार्टफोन के कलपुर्जे, टाटा लगाएगा प्लांट

मुंबई। मोबाइल फोन के कलपुर्जों का अब तक आयात किया जाता था लेकिन अब देश में ही इन्हें बनाने की तैयारी चल रही है। टाटा संस तमिलनाडु में इसका प्लांट लगाने की योजना बना रही है और इसके लिए विदेशों से 1 अरब डॉलर लोन जुटाने की कोशिश में है। इस प्लांट में सबसे पहले आईफोन  के पार्ट्स बनाए जाएंगे।
सूत्रों के मुताबिक यह टाटा संस के ग्रुप चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की योजना का हिस्सा है। कई मोबाइल कंपनियां चीन के बाहर प्रोडक्शन का विकल्प तलाश रही हैं। इनमें एप्पल भी शामिल है। चंद्रशेखरन की योजना इन कंपनियों को साथ जोडऩे की है। टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी टाटा संस इस पहल को लीड करेगी। इसकी शुरुआत आईफोन कास्टिंग्स से होगी और फिर दक्षिण कोरिया तथा जापान की ऑरिजिनल इच्पिमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) के साथ साझेदारी की जाएगी।
एप्पल के साथ पार्टनरशिप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा होगी और इससे सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (पीएलआई) योजना का लाभ उठाया जाएगा। इस बारे में टाटा और एप्पल ने ईटी के सवालों का जवाब नहीं दिया।
प्रोजेक्ट के लिए 1.5 अरब डॉलर का कैपेक्स
सूत्रों के मुताबिक टाटा ग्रुप इस प्रोजेक्ट के लिए आतंरिक स्रोतों और कर्ज से 1.5 अरब डॉलर जुटाने की तैयारी में है। इसमें से 75 करोड़ से एक अरब एक ग्रुप डायरेक्टर ने कहा कि इसमें ग्रोथ की काफी संभावनाएं हैं, बशर्ते इसे अच्छी तरह से अंजाम दिया जाए और इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को टॉप मैनेजमेंट में जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपयुक्त सीईओ की तलाश की जा रही है और साथ ही जीई के डायरेक्टर्स को भी साथ जोड़ा जा रहा है।
टाटा ग्रुप और एप्पल ने अपनी योजना को गुपचुप रखा है। सूत्रों के मुताबिक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स एप्पल के साथ साझेदारी की घोषणा के साथ प्रोजेक्ट की शुरुआत करना चाहती है। सैमसंग और एप्पल की तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर कंपनियां फॉक्सकॉन, विस्ट्रोन और पेगाट्रोन सहित 16 कंपनियों ने 6.65 अरब डॉलर की पीएलआई स्कीम के लिए साइन किया है। इस योजना का मकसद अगले 5 साल में देश में स्मार्टफोन प्रोडक्शन को बढ़ावा देना है।
तमिलनाडु में जमीन आवंटित
तमिलनाडु ने भी अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2020 घोषित की है जिसका लक्ष्य 2025 तक आउटपुट बढ़ाकर 100 अरब डॉलर करना है जो उस समय देश के कुल इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट का एक चौथाई होगा। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को तमिलनाडु इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन ने होसुर में 500 एकड़ जमीन आवंटित की है।

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