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नई दिल्ली ,08 दिसंबर । नया साल सुरू होने से पहले देश वासियों के लिए एक बुरी खबर है। महंगाई की मार अब सीधे आम लोगों की जेब पर पडऩे वाली है। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। ओपेक सदस्यों और 10 अन्य तेल उत्पादक देशों ने कच्चे तेल की गिरती कीमत थामने के मकसद से तेल उत्पादन में रोजाना 1.2 मिलियन बैरल कटौती का फैसला किया है।
दुनिया भर में तेल उत्पादन का आधा हिस्सा ओपेक और उसके साझेदार देशों से ही आता है। ओपेक की हुई अहम बैठक में यह एकराय बनी कि तेल उत्पादन अधिक होने की वजह से पिछले दो महीने में कीमतें 30 प्रतिशत से ज्यादा गिरी हैं। ओपेक के इस फैसले के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत में पांच प्रतिशत का भारी उछाल देखा गया है। हालांकि ओपेक देशों के बीच हुआ समझौता एक जनवरी से लागू हो जाएगा। बता दें कि भारत दुनिया का तीसरा ऐसा देश है जो जरूरत से अधिक मात्रा में कच्चे तेल का आयात करता है। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अक्टूबर से शुरू हुई गिरावट भारत के लिए बड़ी राहत की खबर साबित हुई थी, पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोल-डीजल के दामों में गिरावट आनी शुरू हो गई थी जो अभी तक जारी है। माना जा रहा है कि जनवरी के शुरू होते ही पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हो सकती है।
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