राज्य

08-Dec-2018 12:18:23 pm
Posted Date

ईपीसीए ने डीजल वाहनों के उपयोग पर जताई चिंता

0-हवा की हालत बेहद खराब
नईदिल्ली ,08 दिसंबर । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को भी बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई. दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने दिल्ली-एनसीआर में राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा टैक्सी के रूप में किराए पर ली गई निजी डीजल गाडिय़ां के इस्तेमाल पर चिंता जताई.
ईपीसीए के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों के कई अधिकारी दिल्ली और एनसीआर के भीतर आने-जाने के लिए टैक्सी के तौर पर किराये पर ली निजी डीजल गाडिय़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं  और  उसने इसके लिए स्पष्टीकरण मांगा है.
यह टिप्पणी तब की गई है जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई और कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक 346 दर्ज किया गया. साथ ही हवा की धीमी गति जैसी मौसम परिस्थितियों के कारण शहर में चार इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर दर्ज की गई. मुंडका, नेहरू नगर, रोहिणी और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई.
ईपीसीए सदस्य सुनीता नारायण ने कहा कि ये अधिकारी टैक्सी के तौर पर किराये पर लिए करीब 25,000 निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं और ईपीसीए केंद्र  और राज्य सरकार को पत्र लिखकर उनसे यह पूछेगी कि इस स्थिति से निपटने के लिए वे क्या कदम उठाएंगे. ईपीसीए ने दिल्ली-एनसीआर में राज्य  और  केंद्र सरकार के अधिकारियों द्वारा टैक्सी के तौर पर निजी वाहनों के इस्तेमाल पर चिंता जताई है. उसने कहा कि प्रस्तावित समाधानों में से एक यह था कि सरकारी अधिकारियों को केवल सीएनजी और पेट्रोल कारों की सेवाएं लेनी चाहिए.
नारायण ने कहा, ईपीसीए दिल्ली सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को पत्र लिखेगा कि यह उनके संज्ञान में आया कि वे दिल्ली  और  एनसीआर के भीतर आने-जाने के लिए निजी डीजल कारों का इस्तेमाल कर रहे हैं  और  सुप्रीम कोर्ट के आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि सभी टैक्सियां पेट्रोल और सीएनजी दोनों से संचालित होनी चाहिए. उन्होंने कहा, यह अदालत के आदेश का उल्लंघन होगा, कृपया हमें बताए कि क्या इस मामले में ऐसा हो रहा है और अगर हां तो आप इस स्थिति से निपटने के लिए क्या कदम उठाएंगे.
यह फैसला ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल के नेतृत्व में हुई बैठक में लिया गया. बैठक में विभिन्न परिवहन अधिकारी शामिल हुए. सीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, एनसीआर में गाजियाबाद, फरीदाबाद और नोएडा में वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई.

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