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12-Nov-2020 12:10:26 pm
Posted Date

रेलवे कर्मचारियों के रात्रि भत्ते पर लगी रोक

नईदिल्ली। रेलवे के कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। रेलवे यूनियन के विरोध के पश्चात रेल मंत्रालय ने कर्मचारियों के रात्रि भत्ते पर रोक लगा दी है। जुलाई 2020 में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से जारी किए गए निर्देश की माने तो, रेलवे के जिन अधिकारियों की बेसिक सैलरी 43,600 रुपये से ज्यादा होगी, उन्हें रात्रि भत्ता नहीं प्रदान किया जाएगा। 
रेल मंत्रालय ने इससे संबंधित आदेश सितंबर में ही जारी कर दिया था। खबरों के मुताबिक, भारत में रेलवे के कर्मचारियों की सबसे बड़ी यूनियन ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन ने अक्टूबर माह में ही रेल मंत्रालय को खत लिखकर इस आदेश को शीघ्र वापस करने की मांग की गई थी, जिसमें इस बात का उल्लेख भी किया गया था कि मंत्रालय के इस निर्णय के पश्चात रेलवे के कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ सकती है। 
फेडरेशन ने मांग की थी कि अधिकारियों के कैडर, विभाग एवं उनके पे ग्रेड का ख्याल किए बिना रात्रि भत्ते का भुगतान किया जाए। इतना ही नहीं, मंत्रालय की तरफ से रात्रि भत्ते पर रोक लगाए जाने के विरोध में अक्टूबर माह के दौरान ही भारतीय रेलवे नेटवर्क के लगभग 35,000 से अधिक स्टेशन मास्टरों ने भूख हड़ताल किया। 
ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर्स यूनियन ने तब बोला था कि महीने भर तक विरोध करने के पश्चात भी जब उनकी मांगों के अनसुना कर दिया गया, तो उन्हें सांकेतिक भूख हड़ताल करने का निर्णय लेना पड़ा। यूनियन ने बोला कि सरकार के निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए रेलवे बोर्ड की तरफ से कुछ ही दिन पहले पत्र लिखा गया है। फेडरेशन ने रोक की सीमा और इसकी समीक्षा के विरुद्ध विरोध किया। 
यूनियन ने आगे बोला कि फेडरेशन की मांग पर विचार करते वक्त बोर्ड ने मामले को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के पास भेजने का निंर्णय लिया तथा उसी समय बोर्ड की ओर से 29 सितंबर 2020 को लिखे गए खत के आधार पर रेलवे के कर्मचारियों से रात्रि भत्ते के भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया गया। दरअसल, रात्रि भत्ता जरुरी ट्रेन चलाने वाले ड्राइवरों, उसका संचालन करने वालों एवं मेंटनेंस स्टाफ को दिया जाता है। 

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