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07-Dec-2018 12:19:04 pm
Posted Date

वर्मा ने अस्थाना के खिलाफ हाईकोर्ट में पेश किया हलफनामा

0-सीबीआई विवाद
नईदिल्ली,07 दिसंबर । सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीबीआई स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ दिल्ली हाई हाईकोर्ट में हलफनामा पेश किया है. उन्होंने ने अपने हलफनामे में कहा है कि उनके पास अस्थाना पर घूस लेने के पुख्ता सबूत हैं. सीबीआई को जनता में भरोसा जगाने के लिए जांच जरूरी है.वहीं अस्थाना की याचिका पर हाई कोर्ट में दोपहर सवा 2 बजे सुनवाई शुरू होगी. इस बीच सीबीआई डाइरेक्टर आलोक वर्मा ने दिल्ली हाई कोर्ट में नोटिस का जवाब दायर कर दिया है. वर्मा ने अपने जवाब में कहा है कि अस्थाना ने उनके ऊपर जितने भी आरोप लगाए है वो निराधार है. याचिकाकर्ता अस्थाना द्वारा लगाए गए सभी आरोप काल्पनिक और अस्थाना की केवल सोच है. प्राथमिक जांच के बाद एफआईआर दर्ज हुई थी और जांच अभी नाजुक मोड़ पर है.
इससे पहले  केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई में दो शीर्ष अधिकारियों वर्मा और अस्थाना के बीच छिड़ी जंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई हुई थी. मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि इस मामले में सरकार इस मामले में निष्पक्ष क्यों नहीं है?
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि वर्मा को हटाने से पहले चयन समिति से सलाह लेने में आखिर बुराई क्या थी? उन्हें रातोंरात क्यों हटा दिया गया?
बुधवार को केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के. वेणुगोपाल ने सीजेआई गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच में अपनी बहस जारी रखते हुए कहा कि इन अधिकारियों के झगड़े से जांच एजेंसी की छवि और प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही थी. अटॉर्नी जनरल ने कहा कि केंद्र का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि जनता में इस प्रतिष्ठित संस्थान के प्रति भरोसा बना रहे.
कोर्ट ने 29 नवंबर को कहा था कि वह पहले इस सवाल पर विचार करेगा कि क्या सरकार को किसी भी परिस्थिति में जांच ब्यूरो के निदेशक को उसके अधिकारों से वंचित करने का अधिकार है; या उसे निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों में कोई कार्रवाई करने से पहले प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति के पास जाना चाहिए था.
कोर्ट ने इससे पहले यह स्पष्ट कर दिया था कि वह जांच एजेंसी के दोनों शीर्ष अधिकारियों से संबंधित आरोपों और प्रत्यारोपों पर गौर नहीं करेगा.

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