नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न हटाने और उनके स्थान पर प्रत्याशियों के नाम, उम्र, योग्यता और तस्वीर के इस्तेमाल के लिए उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
यह याचिका भाजपा के नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है। याचिका में अनुरोध किया गया है कि ईएमवी में चुनाव चिह्न के इस्तेमाल को गैरकानूनी, असंवैधानिक और संविधान का उल्लंघन करने वाला घोषित किया जाए। याचिका में कहा गया है कि राजनीति को भ्रष्टाचार और अपराधीकरण से मुक्त कराने की दिशा में यह उत्तम प्रयास होगा कि मतपत्रों और ईएमवी से राजनीतिक दलों के चुनाव चिह्न हटाकर उनके स्थान पर प्रत्याशियों के नाम, उम्र, शैक्षणिक योग्यता और उनकी तस्वीर लगाई जाए। याचिका में दलील दी गई है कि चुनाव चिह्न के बगैर ईवीएम होने से कई लाभ होंगे। इनसे मतदाताओं को भी ईमानदार और योग्य प्रत्याशियों का चयन करने में मदद मिलेगी। याचिका के अनुसार बगैर चुनाव चिह्न वाले मतपत्रों और ईवीएम से टिकट वितरण में राजनीतिक दलों के हाईकमान की तानाशाही पर अंकुश लगेगा और वे जनता की भलाई के लिए ईमानदारी से काम करने वाले लोगों को पार्टी का टिकट देने के लिए बाध्य होंगे। गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अध्ययन का हवाला देते हुए याचिका में कहा गया है कि 539 सांसदों में से 233 सांसदों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
Share On WhatsApp