रायपुर छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा लिए गए जनहितैषी फैसलों का ऐसा असर हुआ कि जब पूरे देश का रियल इस्टेट सेक्टर जहां मंदी से प्रभावित रहा, छत्तीसगढ़ का रियल इस्टेट सेक्टर कोरोना संकट काल में भी मंदी के प्रभाव से अछूता रहा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में लिए गए फैसले से राज्य में अब आम आदमी और कमजोर तबके के लोगों के लिए जमीन के छोटे और मध्यम भू-खंडों की खरीद और बिक्री संभव हो पा रही है। यह यू ही नहीं हुआ, राज्य सरकार ने आम आदमी की परेशानी को समझा और फैसले लिए, सरकार ने अपने मजबूत इरादों के तहत पहले से जमीन के छोटे और मध्यम भू-खंडों की खरीदी और बिक्री पर लगा प्रतिबंध हटाया और एक आदेश जारी कर नागरिकों को होने वाली कठिनाईयों के मद्देनजर त्वरित कार्यवाही कर ५ डेसीमल से छोटे भू-खंडों की खरीदी-बिक्री, हस्तांतरण और पंजीकरण पर प्रतिबंध हटाया। पंजीकरण सॉफ्टवेयर में इसके मुताबिक संशोधन किया। छत्तीसगढ़ सरकार के फैसले से जनवरी २०१९ से ५ डेसीमल से छोटे भू-खंडों की खरीदी-बिक्री, हस्तांतरण और पंजीकरण को फिर से शुरू किया गया इस जनोपयोगी फैसले का इस कदर असर हुआ कि पहले दिन ही १०५ भू-खंडों का पंजीकरण हुआ। राज्य में १ जनवरी २०१९ से ३० सितम्बर तक एक लाख ४६ हजार ९२८ से ज्यादा छोटे भू-खंडों के क्रय विक्रय के दस्तावेजों का पंजीयन राज्य सरकार के पंजीयन कार्यालयों में कराया गया है। छत्तीसगढ़ का रियल इस्टेट कोरोना संकट काल में मंदी से अप्रभावित रहा है। पिछले सितम्बर माह खत्म हुई तिमाही में राज्य में २७ हजार रजिस्ट्रियां की गई। छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक २५ जुलाई २०१९ से ३१ मार्च २०२० तक एक लाख ३७ हाजर ४८७ भू-खंडों की रजिस्ट्री दर्ज की गई इसके एवज में राज्य सरकार को ११७४ करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्त हुआ है। जबकि पिछले वर्ष रजिस्ट्री के सीजन में इसी अवधि में एक लाख ३१ हजार १७९ रजिस्ट्रियां की गई थी और सरकार को ७३७ करोड़ रूपए का ही राजस्व प्राप्त हुआ था। इस तरह से पिछले वर्ष की तुलना में इसी अवधि में ६० प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। आंकड़ों में यह वृद्धि छत्तीसगढ़ सरकार के उस फैसले के बाद आई जिसमें जुलाई २०१९ से छत्तीसगढ़ सरकार ने जमीन की कीमत यानि कलेक्टर गाईड लाईन में ३० प्रतिशत की कमी की गई थी जिसे चालू वित्तीय वर्ष २०२०-२१ के लिए दरों को यथावत रखा गया है। दस्तावेजों के पंजीयन ऑनलाइन ई-पंजीयन प्रणाली से किए जा रहे हैं जिसमें दस्तावेजों को उसी दिन पंजीकृत किया जाकर पक्षकारों को दस्तावेज प्रदान किया जाता है। पक्षकार द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने के बाद और आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड करने के बाद उप-पंजीयक कार्यालय में जाकर थोड़े से समय में ही पंजीयन की कार्यवाही पूर्ण होती है। कोविड-१९ से संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए पंजीयन हेतु ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्लॉट बुकिंग को अनिवार्य किया गया है, अपॉइंटमेंट प्राप्त पक्षकार निर्धारित समय में ही पंजीयन कार्य हेतु उपस्थित होते हैं। इस व्यवस्था के तहत कोविड-१९ महामारी के दौरान भी पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई है। दस्तावेज पंजीयन के साथ ही साथ दस्तावेज नकल एवं खोज हेतु भी अपॉइंटमेंट बुकिंग प्रारंभ की गई है। पक्षकार द्वारा पंजीयन फीस का भुगतान भी ऑनलाइन किया जा सकता है। शुल्क भुगतान के लिए ऑनलाइन भुगतान सुविधा सहित स्वाइप मशीन अधिकांश पंजीयन कार्यालयों में उपलब्ध कराई गई है।
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