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सार्वजनिक समारोहों का नहीं होगा आयोजन, घरों में होगी पूजा
रायपुर। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी शरद पूर्णिमा का आयोजन 30 एवं 31 अक्टूबर को होगा। ज्योतिषी मान्यता के अनुसार इस वर्ष 30 एवं 31 को शरद पूर्णिमा उत्सव कोजागरी पूर्णिमा एवं स्नानदान पूर्णिमा के रूप में श्रद्धालु मनाएंगे।
पौराणिक मान्यता के अनुसार पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का प्रथम एवं बड़ा स्थान है। उक्त दिवस को आयुर्वेदिक मान्यता के अनुसार अस्थमा के मरीजों को आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा रात भर चंद्रमा की चांदनी में खुले में खीर रखकर औषधियुक्त का सेवन दूसरे दिन कराया जाता है जिसके चलते अस्थमा के मरीजों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है। इस वर्ष कोरोना वायरस महामारी कोविड 19 के कारण सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन सामूहिक रूप से नहीं किये जाएंगे। भक्त अपने घरों में नारायण एवं लक्ष्मी की पूजा संपन्न कर अपने परिवार एवं प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य लाभ एवं समृद्धि की कामना करेंगे।
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