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04-Aug-2017 6:17:34 pm
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सरकार को नीतिगत ब्याज दर में कटौती की उम्मीद

नई दिल्ली,(आरएनएस)।  विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए सरकार इस बार भारतीय रिजर्व बैंक का पूरा साथ चाहती है। निचली ब्याज दरों को अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए अहम मान रही सरकार चाहती है कि रिजर्व बैंक की तरफ से आगामी मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कम से कम 50 अंकों यानी आधा फीसद की कमी की जाए। सरकार की राय है कि महंगाई की दर से लेकर अर्थव्यवस्था के बाकी संकेतक भी इसके पक्ष में हैं। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आगामी सप्ताह में दो दिवसीय बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करेगी और इस आधार पर ब्याज दर के संबंध में फैसला लेगी। सूत्र बताते हैं कि शुक्रवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई बैठक में उन्हें इस बात का स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि सरकार क्या चाहती है। बीते माह थोक और खुदरा महंगाई दोनों की दरें ऐतिहासिक तौर पर नीचे आ चुकी हैं और ये रिजर्व बैंक के चार फीसद के लक्ष्य से नीचे चल रही हैं। पिछली अर्ध तिमाही समीक्षा में भी सरकार रिजर्व बैंक से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद लगाये थी। लेकिन रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को यथावत बनाये रखा था। इस पर वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने खुले तौर पर रिजर्व बैंक की आलोचना की थी। इस बार रिजर्व बैंक की मौद्रिक समिति की बैठक एक और दो अगस्त को मुंबई में होनी है। दो अगस्त को ही गवर्नर समिति के निर्णय की घोषणा करेंगे। वित्त मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक सरकार को लगता है कि ब्याज दरों में कटौती का यह मुफीद समय है। महंगाई की दरें कम हैं, कारखानों की रफ्तार धीमी है, अर्थव्यवस्था को आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहक निर्णय की आवश्यकता है। रिजर्व बैंक के सामने मौका है कि वह अर्थव्यवस्था की रफ्तार में सहायक बने। सूत्र बताते हैं कि वित्त मंत्रलय के अधिकारियों के साथ पटेल की बैठक में सरकार की इस राय से उन्हें अवगत भी करा दिया गया है। पिछले दिनों अर्थशास्त्रियों के बीच हुए सर्वे में भी दो तिहाई से अधिक ने ब्याज दरों में कटौती की संभावना जतायी है। जिन 56 अर्थशास्त्रियों को सर्वे में शामिल किया गया था उनमें से 40 का मानना है कि रिजर्व बैंक 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसद कटौती कर सकता है। केवल दो अर्थशास्त्री मानते हैं कि यह कटौती 50 बेसिस प्वाइंट यानी आधा फीसद की हो सकती है। जबकि 14 अर्थशास्त्री ऐसे हैं जो यह मानते हैं कि दो अगस्त की समीक्षा में भी रिजर्व बैंक रेपो रेट की दरों को यथावत बनाये रख सकता है।

 

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