बिहार चुनाव के लिए संकल्पपत्र जारी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्षी महागठबंधन ने शनिवार को अपना संकल्पपत्र जारी कर दिया। इसमें युवाओं को रोजगार देने, पलायन रोकने, शिक्षकों को समान कार्य के लिये समान वेतन देने, उद्योगों को बढ़ावा देने सहित विभिन्न वादे किये गए हैं। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, शक्ति सिंह गोहिल व वाम दलों के प्रमुख नेताओं ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में महागठबंधन का संकल्प पत्र 'बदलाव के संकल्प को जारी किया। इस मौके पर तेजस्वी यादव ने कहा, 'सबसे महत्वपूर्ण विषय बेरोजगारी है। हमारी सरकार बनते ही पहली कैबिनेट में युवाओं को 10 लाख रोजगार देने पर मुहर लगेगी। महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार ने कहा कि लाखों लोगों का रोजगार छिन गया है और कारोबारियों का व्यवसाय ठप पड़ गया है, ऐसे में हमने यह संकल्प किया है। तेजस्वी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है और नीतीश कुमार पिछले 15 वर्षों से राज्य में शासन कर रहे हैं, लेकिन इसे विशेष दर्जा नहीं दिया गया। कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि यह चुनाव 'नयी दिशा बनाम दुर्दशा, नया रास्ता बनाम हिन्दू-मुसलमान, नयी तरूणाई बनाम फेल तजुर्बे तथा खुद्दारी बनाम नफरत के बीच का है। उन्होंने नीतीश कुमार पर बिहार की जनता को 'धोखा देने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि इस चुनाव में भाजपा के तीन गठबंधन हैं, जिनमें से एक जदयू के साथ, दूसरा लोजपा के साथ और तीसरा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के साथ है। सुरजेवाला ने हाल में बने तीन कृषि कानूनों को किसान विरोधी करार देते हुए आरोप लगााया कि भाजपा हरित क्रांति को विफल बनाना चाहती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी तब पहले विधानसभा सत्र में तीनों कानून को खत्म करने के लिए कदम उठाया जायेगा। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि पिछली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोतिहारी चीनी मिल को लेकर कुछ वादे किये थे लेकिन वे पूरे नहीं हुए।