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12-Apr-2020 6:01:23 am
Posted Date

रेलवे ने लॉकडाउन में वितरित किया एक मिलियन से अधिक भोजन

0-देश में 313 स्थानों पर गरीबों व जरुरतमंदों की मिटाई जा रही है भूख
नई दिल्ली,11 अपै्रल । भारतीय रेलवे के कर्मचारियों, आईआरसीटीसी, आरपीएफ, जोनल रेलवे जैसे कई रेलवे संगठनों के साथ अन्य लोगों ने देशभर में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन के बाद गरीबों और जरूरतमंद लोगों को निस्वार्थ और स्वैच्छिक रूप से गर्म पका भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। अब तक 10.2 लाख से ज्यादा भोजन वितरित किया गया है।
रेल मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार भारतीय रेलवे के विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों जैसे आईआरसीटीसी, आरपीएफ, जोनल रेलवे और अन्य संगठनों द्वारा कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बाद से जरूरतमंद लोगों को निस्वार्थ और स्वैच्छिक रुप से गर्म पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने के रेलवे की समाज सेवा वाली प्रतिबद्धता को जीवित रखने का अथक प्रयास किया जा रहा है। रेलवे द्वारा 28 मार्च 2020 से आईआरसीटीसी बेस किचनों, आरपीएफ संसाधनों और एनजीओ के योगदान से बड़ी मात्रा में पका हुआ भोजन, पेपर प्लेट के साथ लंच के लिए और खाद्य पैकेट डिनर के लिए उपलब्ध करवाया जा रहा है। अब तक लगभग 10.2 लाख भोजन वितरण के साथ यह आंकड़ा एक मिलियन पार कर गया। गरीबों, बच्चों, कुलियों, प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए व्यक्तियों और जो लोग रेलवे स्टेशनों या उसके आसपास भोजन की तलाश में आते हैं उन्हें भोजन वितरित किया जा रहा है, और यहां तक कि रेलवे स्टेशनों से कुछ दूरी पर रहने वाले लोगों के लिए भी। जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन वितरित करते समय, सामाजिक दूरी और स्वच्छता का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार इस प्रकार मिल रहे सहयोग से अब तक लगभग 10.2 लाख पका हुआ भोजन वितरित किया जा चुका है। इनमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा पका हुआ भोजन आईआरसीटीसी द्वारा उपलब्ध कराया गया है, आरपीएफ द्वारा अपने संसाधनों के माध्यम से लगभग 2.3 लाख भोजन उपलब्ध कराया गया है जबकि रेलवे संगठनों के साथ काम करने वाले गैर-सरकारी संगठनों द्वारा लगभग 2 लाख भोजन प्रदान किया गया है। भोजन का वितरण आरपीएफ, जीआरपी, ज़ोन के वाणिज्यिक विभागों, राज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है। आईआरसीटीसी के इन प्रयासों का विस्तार करने के लिए, संबंधित ज़ोन और डिवीजन के जीएम/ डीआरएम आईआरसीटीसी के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, यहां तक कि जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों की मदद से स्टेशन के क्षेत्रों से आगे बढक़र रेलवे स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों की खाद्य आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है।

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