0-गुजरात दंगा मामला
नईदिल्ली ,03 दिसंबर । आज से सोलह साल पूर्व 2002 के गुजरात दंगों के प्रकरण में गुजरात में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को मिली क्लीनचिट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की जाएगी. जाकिया जाफरी की ओर से दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ सुनवाई करेगी.
पिछले वर्ष गुजरात हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एसआईटी की जांच रिपोर्ट में मोदी समेत 59 अन्य लोगों को क्लीन चिट दिए जाने के फैसले को जारी रखते हुए साल 2002 में हुए गुलबर्ग सोसाइटी मामले में जाकिया जाफरी की याचिका खारिज कर दी थी. गुजरात हाईकोर्ट ने जाकिया को आगे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख करने का निर्देश भी दिया था.
जाकिया ने पिछले वर्ष 5 अक्टूबर को हाईकोर्ट के इस फैसले को खारिज करने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी. इस मालमे में 26 नवंबर को एक सुनवाई हुई थी. इससे पहले की तारीख पर सुनवाई के दौरान जाकिया के वकील ने कहा था कि इस याचिका पर नोटिस जारी करने की आवश्यकता है क्योंकि यह 27 फरवरी 2002 और मई 2002 के दौरान हुई कथित बड़ी साजिश के पहलू से संबंधित है.
उन्होंने यह भी कहा था कि विशेष जांच दल के जरिए निचली अदालत में मामला बंद करने की रिपोर्ट में क्लीन चिट दिए जाने के बाद याचिकाकर्ता ने विरोध याचिका दायर की थी जिसे मजिस्ट्रेट ने गुणदोष पर विचार के बगैर ही खारिज कर दिया था.
विशेष जांच दल ने आठ फरवरी, 2012 को मामला बंद करने की रिपोर्ट में मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने योग्य साक्ष्य नहीं है.
गोधरा में 27 फरवरी को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में कार सेवकों के डिब्बे में हुए अग्निकांड की घटना के अगले दिन अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसायटी में 28 फरवरी 2002 को उग्र भीड़ के हमले में पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 व्यक्ति मारे गए थे.