नईदिल्ली । घरेलू उद्योग धंधों को प्रोत्साहन देने के लिए वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट में जूता- चप्पल और फर्नीचर संबंधी उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में अगले वित्त वर्ष का आम बजट पेश करते हुए छोटे उद्योगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए जूता-चप्पल और फर्नीचरों जैसी मदों पर सीमा-शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे उत्पादों के आयात पर कड़े उपाय करने पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिन्हें घरेलू उद्योग-धंधे निर्मित करते हैं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र श्रम आधारित हैं और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। घरेलू चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ-साथ स्वास्थ्य सेवा सृजन पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने पांच प्रतिशत स्वास्थ्य अधिभार लगाने का प्रस्ताव किया। भारत में तैयार किए जाने वाले चिकित्सा उपकरणों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। महत्वाकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बुनियादी ढ़ांचा तैयार करने में इस अधिभार का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीमा-शुल्क अधिनियम के समुचित प्रावधान लागू किए जा रहे हैं। आगामी महीनों में, विशेषकर कुछ संवेदनशील सामग्रियों के लिए मूल नियमों की समीक्षा की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित हो कि देश की नीति के अनुरूप मुक्त व्यापार समझौतों के बीच तालमेल कायम हो। इसके अलावा शुल्कों की सुरक्षा से संबंधित प्रावधानों को भी मजबूत किया जा रहा है।
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