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नईदिल्ली । वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम लोगों को बड़ी राहत देते हुए शनिवार को आम बजट में बैंक जमा पर मौजूदा एक लाख रुपये के बीमा कवर को बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का एलान किया। सरकार ने यह फैसला पिछले साल सामने आए पंजाब एवं महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (पीएमसी) घोटाले के बाद लिया है। घोटाले के बाद बैंक के कारोबार को बंद कर दिया गया, जिससे हजारों जमाकर्ताओं को नुकसान भुगतना पड़ा। एक लाख रुपये की बैंक जमा को बीमा कवर करने की सीमा तय करने को लेकर पिछले कुछ महीनों से सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की काफी आलोचना हो रही थी। आरबीआई के दिशानिर्देश के अनुसार, डिपोजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत सभी वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों में जमा राशि बीमा के तहत होती है। यह अभी तक एक लाख रुपये थी। इसका अर्थ यह था कि बैंक में ग्राहक का चाहे जितना भी धन जमा हो, बैंक के दिवालिया होने या बंद होने पर उसे महज एक लाख रुपये ही वापस दिया जाना होता था। लेकिन, अब इस राशि को बढ़ाकर पांच लाख कर दिया गया है अर्थात बैंक के डूबने की स्थिति में ग्राहक को उसकी कुल जमा और ब्याज के आधार पर पांच लाख रुपये तक मिलेंगे।
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